पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान धर्म के कार्य करने का विशेष महत्व बताया गया है. इसकी 15 दिन की अवधि में लोग पूर्वजों का आशीर्वाद पाने के लिए उनका विधिवत श्राद्ध करते हैं. पितृ पक्ष (Pitru Paksha) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होता है और आश्विन मास की अमावस्या तक रहता है. इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर से शुरू होगा और 25 सितंबर तक रहेगा.
पितृ पक्ष का महत्व (Pitru Paksha Significance)
पितृ पक्ष (Pitru Paksha) के दौरान शुभ और मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाती है. इस दौरान गृह प्रवेश, मुंडन, नए मकान या वाहन की खरीदारी भी वर्जित होती है. कुंडली में पितृ दोष दूर करने के लिए पितृपक्ष का समय सबसे अच्छा माना जाता है. इन दिनों पितरों को खुश करने के लिए और उनका आर्शीवाद पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं.
पितृपक्ष (Pitru Paksha) में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध किया जाता है. पितृपक्ष में पिंडदान के लिए कुछ जगहें बहुत प्रसिद्ध हैं, जिनमें से गया में पिंडदान का महत्व सर्वश्रेष्ठ है. पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोज कराने का भी विधान है. लेकिन जिन लोगों को अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि के बारे में जानकारी नहीं होती, वो लोग अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं. आइए इस वर्ष के पितृ पक्ष का पूरा कार्यक्रम जानते हैं.
इन तारीखों पर होगा श्राद्ध (Pitru Paksha 2022 Schedule)
10 सितंबर 2022- पूर्णिमा श्राद्ध भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा
11 सितंबर 2022- प्रतिपदा श्राद्ध, आश्विन, कृष्ण प्रतिपदा
12 सितंबर 2022- आश्विन, कृष्णा द्वितीया
13 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण तृतीया
14 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण चतुर्थी
15 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण पंचमी
16 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण षष्ठी
17 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण सप्तमी
18 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण अष्टमी
19 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण नवमी
20 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण दशमी
21 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण एकादशी
22 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण द्वादशी
23 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी
24 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी
25 सितंबर 2022 – आश्विन, कृष्ण अमावस्या