पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को गंगा माता के धरती पर अवतरण के रूप में मनाया जाता है, जब महादेव की कृपा से गंगा जी धरती पर आईं। शास्त्रों में निहित है कि गंगा नदी में स्नान नर्मदा नदी के दर्शन और क्षिप्रा नदी के नाम मात्र जपने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा माता की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही गंगा नदी में स्नान-ध्यान का विधान है। इस दिन भारी संख्या में लोग गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। उसके बाद मां गंगा की पूजा आराधना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन कुछ आसान उपाय करने से घर में सुख और समृद्धि आती है।
गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 4 जून को देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 6 जून को रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, इस बार गंगा दशहरा का पर्व 5 जून को मनाया जाएगा।
इन उपायों से दूर होगा हर कष्ट
– गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के दिन गंगा नदी में स्नान करें और अगर जाना संभव नहीं है तो नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर स्नान करें। इसके बाद गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें और तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है साथ ही करियर- कारोबार में तरक्की के योग बनते हैं।
– अगर बहुत समय से आर्थिक तंगी से परेशान हैं और मेहनत करने के बाद भी काम नहीं बन पा रहा है, तो गंगा दशहरा के दिन एक घर से दूर अनार का पेड़ लगाएं। साथ ही एक मिट्टी के घड़े में जल भरकर उसमें गंगाजल डाल लें और उसको ढक कर दक्षिण दिशा की तरफ रख दें। थोड़ी देर बाद किसी जरूरतमंद व्यक्ति को वह घड़ा दे दें। इससे आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलने के साथ भाग्य का भी पूरा साथ मिलेगा।
– गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के दिन पवित्र गंगा में स्नान करने के बाद माता गंगा की पूजा अर्चना करें और गंगा स्त्रोत का पाठ करें। साथ ही शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करने के बाद शिवलिंग के आसपास के जल को लोटे में डाल लें और उसका पूरे घर में छिड़काव करें। इससे धन दौलत की वृद्धि होगी।