नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन कर सकते हैं। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि पांच अगस्त पीएम मोदी के अयोध्या जाने की संभावना है। लेकिन अभी इसकी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है।
बता दें कि पांच अगस्त को हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्र पक्ष द्वितीय का दिन है। प्रधानमंत्री के अलावा भूमि पूजन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे।
राम मंदिर परिसर का दायरा करीब 100 से 120 एकड़ तक का होगा। इसके निर्माण में 100 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे और बनने में करीब साढ़े तीन वर्ष का समय लगेगा।
मंदिर परिसर का दायरा भी बढ़ेगा
पहले के नक्शे के अनुसार, नागर शैली के इस मंदिर परिसर क्षेत्र का दायरा करीब 67 एकड़ में रखा गया था, जिसे नए डिजाइन और ऊंचाई की आवश्यकता के अनुसार 100 से 120 एकड़ में विस्तारित किया जा सकता है। मंदिर की रूपरेखा तैयार होने के 15 दिन के भीतर ही नई डिजाइन के अनुसार मास्टरप्लान तैयार हो सकता है।
मंदिर निर्माण में कितनी लागत आएगी?
सोमपुरा ने बताया कि मंदिर के मौजूदा डिजाइन के हिसाब से करीब 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी। अगर डिजाइन में बदलाव होता है तो खर्च बढ़ सकता है। लागत इस बात पर भी निर्भर करेगी कि मंदिर को किस समयसीमा में पूरा करना है। निर्माण को समय सीमा में पूरा करने के लिए ज्यादा संसाधन और बजट की जरूरत होगी।
गर्भगृह में कोई बदलाव नहीं होगा
सोमपुरा ने शनिवार को अयोध्या में मंदिर निर्माण के संबंध में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि गर्भगृह, आरती स्थल, सीता रसोई, रंगमंडपम की संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पहले बनाए गए नक्शे के हिसाब से ही इसकी संरचना रहेगी। सोमपुरा ने कहा कि नए राम मंदिर की ऊंचाई बढ़ाई गई है, लेकिन यह भारत में सबसे ऊंचे शिखर वाला मंदिर नहीं होगा। दक्षिण भारत में कई मंदिरों के शिखर की ऊंचाई 200 से 250 फिट से ज्यादा है। जबकि अक्षरधाम समेत कई मंदिरों में पांच गुंबद हैं। द्वारका मंदिर तो सात मंजिला है।