नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा को लॉन्च किया है। सरकार ने जुलाई में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रियायती ऋण का विस्तार करने के लिए एक लाख करोड़ के कोष के साथ कृषि-इंफ्रा फंड की स्थापना को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में बटन दबाकर 8.5 करोड़ किसानों के खातों में 17,000 करोड़ रुपये की पीएम किसान सम्मान निधि योजना की छठी किस्त जारी की। यह किस्त तत्काल किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई है।
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प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया था कि वे रविवार सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की शुरुआत करेंगे और ‘पीएम-किसान योजना’ के अंतर्गत सहायता राशि की छठी किस्त भी जारी करेंगे।
इस कार्यक्रम में ‘पीएम-किसान योजना’ के अंतर्गत सहायता राशि की छठी किस्त भी जारी की जाएगी। 8.5 करोड़ किसानों के खातों में 17,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। कोविड-19 महामारी के दौरान यह योजना किसानों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है।
Delhi: Prime Minister Narendra Modi launches financing facility under Agriculture Infrastructure Fund and releases benefits under PM-KISAN scheme via video conferencing. pic.twitter.com/zpLLUHOKxj
— ANI (@ANI) August 9, 2020
एग्री-इंफ्रा फंड कोरोना वायरस संकट के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार द्वारा जारी 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एक हिस्सा था। एग्री-इंफ्रा फंड की अवधि साल 2029 तक 10 वर्षों के लिए है। इसका लक्ष्य ब्याज सबवेंशन और वित्तीय सहायता के जरिए पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और सामुदायिक खेती के लिए व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश के लिए मध्यम-से-लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना है। इस कदम का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाना और अधिक रोजगार पैदा करना है।
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एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में एक लाख करोड़ रुपये बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्राइमरी एग्री क्रेडिट सोसाइटीज, फार्मर ग्रुप्स, फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस, एग्री-उद्यमियों, स्टार्टअप्स और एग्री-टेक से जुड़े लोगों को लोन के रूप में उपलब्ध करवाए जाएंगे। लोन चार वर्षों में वितरित किये जाएंगे। मौजूदा वित्त वर्ष में10,000 करोड़ और अगले तीन वित्त वर्षों के दौरान प्रत्येक में 30,000 करोड़ रुपये का लोन वितरित होगा।