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कई कलमवाले भी नक्सली, चिंतन शिविर में बोले PM मोदी

PM Modi

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फरीदाबाद/नई दिल्ली। हरियाणा के सूरजकुंड में चल रहे दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर‘ का आज आखिरी दिन है। इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के सभी राज्यों के गृह सचिवों, डीजीपी, सशस्त्र सेना बलों और केंद्रीय सुरक्षाबलों के अधिकारियों से देश की सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत बनाने का आग्रह किया।

पीएम मोदी (PM Modi)  ने इस दौरान कलमवाले कुछ लोगों को भी नक्सली बताया और कहा कि इन सभी के लिए कोई हल निकालना होगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों पर भी यह निशाना साथा है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम अमृतकाल में हैं और इस दौरान हमें ‘पंच प्राणों’ के संकल्प पर चलना होगा तभी हम अपने अमृतकाल के सपने को और मजबूत कर पाएंगे।

पीएम मोदी (PM Modi)  ने कहा कि कि, ‘आजादी का अमृतकाल हमारे सामने हैं। आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। ये अमृत पीढ़ी ‘पंच प्राणों’ के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी।’ उन्होंने इस अह्वान के साथ पंच प्राणों के बारे में बताया कि, ‘विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता, नागरिक कर्तव्य जैसे प्राणों का पालन करना होगा।

नक्सलवाद एक बड़ी समस्या

जमीनी स्तर पर आतंकवाद के नेटवर्क को खत्म करने के लिए पिछले कुछ सालों में सभी सरकारों ने बहुत ही जिम्मेदारी के साथ काम किया है। हमें इसका सामना अपने फोर्सेस को एकजुट करके करना होगा। हमें सभी तरह के नक्सलवाद को खत्म करना होगा। वह चाहें बंदूक की नोक पर हो या कलम के लेखन से। हमें इन सभी के लिए कोई हल निकालना होगा।

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एक दूसरे को पूरा सहयोग देना होगा

पीएम मोदी (PM Modi) ने आंतरिक सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से एक साथ मिलकर काम करने पर जोर देते हुए कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यहां सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के लिए आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य को एक-दूसरे से सीखना चाहिए, प्रेरणा लेनी चाहिए और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।

एक साथ काम करना देश के प्रति जिम्मेदारी

मोदी ने कहा, आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का एक साथ मिलकर काम करना संवैधानिक आदेश के साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है। सभी एजेंसियों को कार्य क्षमता, बेहतर परिणाम और आम आदमी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति संविधान के अनुसार राज्य का विषय हैं, हालांकि वह देश की एकता एवं अखंडता से समान रूप से संबद्ध है।

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