लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि उत्तर प्रदेश बदल रहा है। बीते पांच छह सालों में उत्तर प्रदेश की पहचान बदली है। कभी यह बीमारू राज्य था, लेकिन अब यहां कानून व्यवस्था बेहतर हुई है। बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक काफी सुधार हुआ है। इससे लोगों को यूपी पर भरोसा बढ़ा है। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर समिट में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यूपी को सुशासन और गुड गवर्नेंस की वजह से जाना और पहचाना जा रहा है। अब इस राज्य की पहचान बेहतर कानून व्यवस्था, शांति और स्थिरिता से हो रही है।
यहां सभी क्षेत्रों में नित्य नए अवसर बन रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए जो पहल की है, उसके परिणाम नजर आने लगे हैं। बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक, हर क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। बहुत जल्द यूपी देश का इकलौता ऐसा राज्य बनने वाला है, जहां एक दो नहीं, पांच पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे। इसी प्रकार रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो यूपी फ्रेट कारीडोर के जरिए सीधा समुद्र से जुड़ रहा है। इससे यहां औद्योगिक विकास की नई राहें खुलेंगी। निवेशकों को यहां नए अवसर उपलब्ध होंगे।
ईज ऑफ डूइंग से सार्थक बदलाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार होने के साथ ही यहां की सरकारी सोच में भी काफी बदलाव आया है। खासतौर पर ईज ऑफ डूइंग से सरकारी कामों में सार्थक बदलाव आया है। इसके चलते निवेशकों के लिए यूपी आज एक आशा और उम्मीद की किरण बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया के लिए ब्राइट स्पॉट है। लेकिन यूपी भारत के ग्रोथ को ड्राइव करने वाला पॉवर को नेतृत्व दे रहा है।
संकट में साहस के साथ बढ़ रहा है देश
प्रधानमंत्री (PM Modi) ने कार्यक्रम में उपस्थित देश विदेश के निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपमें से अधिकतर लोगों को एक लंबा अनुभव है। आपसे दुनिया की स्थिति छिपी नहीं है। आपने देखा कि पेंडमिक और वॉर के बीच देश और उत्तर प्रदेश कितने साहस के साथ आगे बढ़ रहा है। इस शॉक से बाहर निकल कर देश फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी बन गया है। आज दुनिया के कई बड़े देशों से ज्यादा सामर्थ्य अकेले उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि आज भारत में सोशल फिजिकल और डिजीटल इंफा्रस्टक्चर पर काम हो रहा है। इसका बड़ा लाभ यूपी को मिला है।
मार्केट के रूप में सीरियस हो रहा है देश
प्रधानमंत्री (PM Modi) ने कहा कि अब अपना भारत एक मार्केट के रूप में सीरियस हो रहा है। यहां सरकारी प्रक्रियाएं सरल हो रही है। दर्जनों पुराने कानूनों को खत्म किया गया है। भारत सही मायने में अब स्कील और स्पीड के रास्ते पर चल पड़ा है। भारत ने एक बहुत बड़े वर्ग की बेसिक जरूरतें पूरी कर ली हैं। इसलिए वह वर्ग एक कदम ऊपर देखने और सोचने लगा है। यही भारत पर भरोसे का सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि हाल ही में देश का बजट पेश हुआ है। इस बजट में भी आपको यही कमिटमेंट साफ साफ दिखेगा।
हर वर्ष बढ़ा रहे हैं इंफ्रा का बजट
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज इंफ्रास्टक्चर पर सरकार रिकार्ड खर्च कर रही है। सरकार हर वर्ष इसे और बढ़ाया जा रहा है। इंफ्रास्टक्चर में निवेश के बड़े मौके बन रहे हैं। सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर में इनवेस्टमेंट के मौके बन रहे हैं। भदोही के कालीन और बनारस के सिल्क की वजह से यूपी भारत का सबसे बड़ा टेक्सटाइल हब बन गया है। 60 फीसदी से ज्यादा मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट यूपी में हैं।
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डिफेंस कारीडोर से मिलेगी नई गति
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी में डिफेंस कारीडोर पर तेजी से काम चल रहा है। दुनिया भर में मेक इन इंडिया की डिमांड बढ़ रही है। भारतीय सेना को भी मेक इन इंडिया वाले भरोसेमंद उपकरण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ की सराहना की। कहा कि इस महान कार्य को इसी लखनऊ के कर्मबीर राजनाथ सिंह नेतृत्व दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही नहीं, उत्तर प्रदेश में डेयरी, फीसरीज और एग्रीकल्चर सेक्टर में भी अनेक संभावना बन रही हैं। खासतौर पर फल और सब्जियों में बहुत डायवर्सिटी है।
खेती किसानी पर भी बोले पीएम
इंवेस्टर समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेती किसानी के मुद्दे पर भी बोले। उन्होंने कहा कि देश में बड़ी स्टोरेज कैपिसिटी विकसित करने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। इस दिशा में काफी तेजी से काम चल रहा है। इसका देश के छोटे किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस क्राप डायवर्सिटी पर है। छोटे किसानों का इनपुट कास्ट घटाना सरकार का लक्ष्य है। यूपी में हाईवे के किनारे पांच किमी में नेचुरल फार्मिंग शुरू हो चुकी है। इसी प्रकार मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए श्रीअन्न योजना पर काम शुरू किया गया है। श्रीअन्न मतलब मोटा अनाज मतलब सुपर फूड। श्रीफल के जैसा महात्म्य श्रीअन्न का भी है। इसलिए श्रीअन्न को वैश्विक मार्केट में उतारकर भारत चाहता है कि श्रीअन्न ग्लोबल न्यूट्रिसंस का प्रतिनिधित्व करे। इसके लिए किसानों को मोटिवेट कर रहे है, ग्लोबल मार्केट का विस्तार किया जा रहा है।