नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 79वां एपिसोड में कहा, ‘दो दिन पहले की कुछ यादगार पल मेरी आंखों के सामने हैं। टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों को देखकर पूरा देश रोमांचित हो उठा था। पूरे देश ने इनसे कहा कि विजयी भव:।’ आज उनके पास आपके प्यार और सपोर्ट की ताकत है। सोशल मीडिया पर इनके सपोर्ट के विक्ट्री पंच कैम्पेन शूरू हो चुका है।
मोदी ने कारगिल के शहीदों को भी याद किया। मोदी ने आजादी के 75 साल पूरे होने पर नेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट का नारा भी दिया। साथ ही कहा कि गांधी के भारत छोड़ो अभियान की तर्ज पर देश के लोग भारत जोड़ो अभियान चलाएं।
अपने कार्यक्रम में मोदी ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु समेत देशभर में इनोवेटिव काम कर रहे लोगों की तारीफ की। वोकल फॉर लोकल पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से हैंडलूम और खादी का इस्तेमाल करने की अपील की। मोदी ने कहा कि जो देश के लिए तिरंगा उठाता है। देश भक्ति की यह भावना हमें जोड़ती है। कल करगिल विजय दिवस भी है। यह भारत की सेना के शौर्य का प्रतीक है। मैं चाहूंगा कि आप करगिल की गाथा जरूर पढ़े। वीरों को नमन करें।
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आजादी के 75 साल का साक्षी बनना सौभाग्य की बात
इस साल देश आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं। आपको याद होगा, आजादी के 75 साल मनाने के लिए, 12 मार्च को बापू के साबरमती आश्रम से ‘अमृत महोत्सव’ की शुरूआत हुई थी। इसी दिन बापू की दांडी यात्रा को भी पुनर्जीवित किया गया था, तब से जम्मू-कश्मीर से लेकर पुडुचेरी तक, गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर तक, देश भर में अमृत महोत्सव से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं।
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राष्ट्रगान अभियान से जुड़ने की अपील
कितने ही स्वाधीनता सेनानी और महापुरुष हैं, जिन्हें ‘अमृत महोत्सव’ में देश याद कर रहा है। सरकार और सामाजिक संगठनों की तरफ से भी लगातार इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक आयोजन इस बार 15 अगस्त को होने जा रहा है, ये एक प्रयास है – राष्ट्रगान – से जुड़ा हुआ। सांस्कृतिक मंत्रालय की कोशिश है कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा भारतवासी मिलकर राष्ट्रगान गाएं, इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है – rashtragaan.in इसकी मदद से आप राष्ट्रगान गाकर, उसे रिकॉर्ड कर पाएंगे, इस अभियान से जुड़ पाएंगे। मुझे उम्मीद है, आप इस अनोखी पहल से जरूर जुड़ेंगे।
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आजादी का अमृत महोत्सव
‘अमृत महोत्सव’ किसी सरकार का कार्यक्रम नहीं, किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं, यह कोटि कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है। हर स्वतंत्र और कृतज्ञ भारतीय का अपने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन है और इस महोत्सव की मूल भावना का विस्तार तो बहुत विशाल है – ये भावना है, अपने स्वाधीनता सेनानियों के मार्ग पर चलना, उनके सपनों का देश बनाना । जैसे, देश की आजादी के मतवाले, स्वतंत्रता के लिए एकजुट हो गए थे, वैसे ही हमें देश के विकास के लिए एकजुट होना है। हमें देश के लिए जीना है, देश के लिए काम करना है और इसमें छोटे- छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला देते हैं।