पूर्वांचल की बहु प्रतीक्षित सरयू नहर परियोजना का 11 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बलरामपुर जिले में लोकार्पण करेंगे। लगभग 9802 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सरयू नहर परियोजना का बलरामपुर के हसुंवाडोल गांव से लोकार्पण होगा। लोकार्पण कार्यक्रम स्थल को देखने बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच के गोपिया बैराज पंहुच कर निरीक्षण किया। इसके बाद वह श्रावस्ती में राप्ती बैराज निरीक्षण के लिए पहुंचे। यह परियोजना बहराइच जिले के कैलाशपुरी (जहां पर दो नदी गेरुआ और कौड़ियाला का संगम स्थल तथा घाघरा नदी का उत्पत्ति स्थल है) से शुरू होकर पूर्वांचल के नौ जिलों में फैली है।
सरयू नहर परियोजना के अन्तर्गत बहराइच के मिहीपुरवा तहसील क्षेत्र के दो प्रमुख स्थानों कैलाशपुरी और गोपिया में बैराज बने हैं। नहर तथा बैराजों की वर्तमान स्थिति की जांच व तैयारियों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवलोकन किया। उनके साथ जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह भी थे। इस मौके पर जिलाधिकारी डा. दिनेश चंद्र, ब्लाक प्रमुख सौरभ वर्मा, विधायक प्रतिनिधि आलोक जिंदल, योगेश प्रताप सिंह आदि थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर चीफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत के निधन पर शोक जताया और देश की अपूर्णीय क्षति करार दिया। उन्होंने कहा कि मंत्रियों को मृत सैनिकों के आवास पर जाकर शोक जताने को कहा है। वह खुद भी जाएंगे। उन्होंने बताया कि कि 1972 में सरयू नहर परियोजना परियोजना बनी और कार्य लगभग 45 साल पहले 1978 में शुरू हुआ। राजनीतिक उठा-पटक और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यह परियोजना अधर में लटकी रही। वर्ष 2017 तक मात्र 52 प्रतिशत ही कार्य हुआ था। इसके बाद चार साल में 48 फीसदी कार्य पूर्ण कराया।
उन्होंने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से 6,227 गांवों की लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकेगी। कृषि एवं कृषक उत्थान को समर्पित ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ विकास के नए मानक स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना चार दशक से अधिक समय से लंबित थी। प्रधानमंत्री 11 दिसंबर को इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इससे नौ जनपदों के लगभग 30 लाख किसान लाभान्वित होंगे, साथ ही यह परियोजना प्रदेश के सर्वांगीण विकास में सहायक बनेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पहले देवीपाटन मंडल के तीन जिलों तक परियोजना सीमित थी, जिसे बढ़ा कर नौ जिला कर दिया गया है। इस परियोजना से बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर, महाराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर और कुशीनगर जिलों के 25 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।