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अयोध्या के विकास पर PM मोदी की समीक्षा बैठक खत्म, CM योगी भी हुए थे शामिल

अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग खत्म हो गई है। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस मीटिंग में पीएम के सामने अयोध्या के विकास कार्यों का विजन डॉक्यूमेंट रखा गया। इस दौरान विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा की गई।

मीटिंग में सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा समेत बाकी अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लखनऊ स्थित सीएम हाउस से ही शामिल हुए थे।

प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल का स्वागत करते हुए अयोध्या के संत आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी की अच्छी पहल है। जब तक वो और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद नहीं जुड़ेंगे तब तक विकास कार्य जमीन पर नहीं दिखाई देंगे।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो रही इस मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने आवास पंच कालिदास से जुड़े। उनके अलावा प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा भी इस मीटिंग में मौजूद थे।

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इनके अलावा वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी, सिंचाई मंत्री महेंद्र सिंह, अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह भी बैठक में शामिल हुए। साथ ही चीफ सेक्रेटरी, पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव, नगर विकास के अपर मुख्य सचिव समेत कई विभागों के अधिकारी भी जुड़े थे।

बैठक में आवास विकास के प्रमुख सचिव अयोध्या को लेकर विजन डॉक्यूमेंट पेश किया गया। इसमें बताया गया कि अब तक कितने विकास कार्य पूरे हो चुके हैं और किन कामों पर भविष्य में काम होने जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक, बैठक के दौरान अयोध्या के सौंदर्यीकरण पर भी विस्तार से बात हुई। साथ ही अयोध्या में बनने जा रही भगवान राम की प्रतिमा को लेकर भी चर्चा होने की बात सामने आ रही है।

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जानकारी के मुताबिक, अयोध्या के विकास का जो खांका तैयार किया गया है, वो अगले 100 साल की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने अगले 30 साल का प्लान ही देखा। अयोध्या के लिए डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 20 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट तैयार किए हैं। इन्हीं प्रोजेक्ट पर पीएम मोदी अफसरों से चर्चा की। बताया जा रहा है कि पीएम ने इन प्रोजेक्ट के डिजिटल मॉडल को भी देखा।

दरअसल, रामलला के भव्य मंदिर के साथ 20 हजार करोड़ रुपये से अयोध्या को भी भव्यता देने का खाका तैयार हो गया है। अयोध्या की आध्यात्मिक आभा को चमकाने के साथ-साथ न सिर्फ रामनगरी को आधुनिक पर्यटन सिटी के रूप में विकसित किए जाने की तैयारी है, बल्कि रोजगार व नौकरियों से भी रामनगरी लैस होगी।

अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं लाई जा रही हैं। यहां प्रवेश करते ही रामजन्मभूमि आने का एहसास हो इसके लिए भी कई बड़ी योजनाओं को क्रियान्यिवत करने की तैयारी है। इसी के तहत अयोध्या को वैदिक सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। जिसमें तीर्थ नगरी अयोध्या, हेरिटेज सिटी, सौर सिटी, समरस अयोध्या, स्मार्ट अयोध्या के विभिन्न-विभिन्न रूप दिखाई देंगे।

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