कानपुर। कानपुर के बिकरूकांड में मारे गए प्रभात के साथ गोली चला रहे उसके पिता राजेन्द्र मिश्रा को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है। राजेंद्र सरेंडर करने की फिराक में था और वकील से मिलने आया था तभी दबोचा गया।
राजेन्द्र ने अपने बेटे प्रभात व अन्य लोगों के साथ अपनी छत से पुलिस पर गोलियां चला रहा था। राजेन्द्र ने पुलिस टीम पर पिस्टल से गोलिया दागी थी। वहीं बेटे प्रभात ने सेमी आटोमेटिक पिस्टल से फायरिंग की थी।
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राजेंद्र घटना के बाद भागते समय विकास दुबे को पनी पिस्टल देकर भाग निकला था। 2 जुलाई को हुए बिकरूकांड के बाद से राजेंद्र फरार था। पुलिस ने उसपर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। लगातार वह आसपास क्षेत्र व कानपुर देहात औरेया में छिपता रहा। शनिवार को वह अपने वकील से मिलने आया था तभी पुलिस को भनक लग गई और दबोच लिया गया।
कानपुर के आसपस ही अन्य की भी है लोकेशन
विकास दुबे के गुर्गों की लोकेशन बिकरू और उसके आसपास मिलने से एसटीएफ सक्रिय हो गई है। आधा दर्जन कारों में सवार एसटीएफ और पुलिस कर्मी सभी आरोपितों की तलाश में जुटे हैं। बिकरू कांड में अब तक पुलिस 22 लोगों को जेल भेज चुकी है।
इस मामले में अभी दस नामजद और बाकी हैं जिन्हें जेल भेजना है। इसके अलावा वह अज्ञात जो घटना में शामिल रहे हैं मगर उनका नाम एफआईआर में नहीं आ पाया है। उन्हें भी पुलिस द्वारा चिन्हित कर जेल भेजा जा रहा है। हाल में पुलिस के सामने विकास के एक गुर्गे उमाकांत ने सरेंडर किया था।
वहीं एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक अन्य गुर्गे बाल गोविंद को चित्रकूट से गिरफ्तार किया था। एसटीएफ को सूचना मिली कि विकास के तीन और गुर्गे बिकरू और उसके आसपास के गांव में छुपे हुए हैं। इस पर आधा दर्जन कारों में एसटीएफ और पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से दोपहर में गांव और उसके आसपास सर्च ऑपरेशन चलाया। इसके बाद देर रात टीम फिर से बिकरू पहुंची। वहां के अलावा आसपास के आधा दर्जन गांवों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया मगर कुछ मिला नहीं।