रामपुर। मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की 70.005 हेक्टेयर लगभग 1400 बीघा ज़मीन प्रदेश सरकार के नाम पर आने की खबरें मिलने के बाद से देश और प्रदेश में इस मामले को लेकर चर्चाएं शुरू हो गयी हैं और बेचैनी पैदा हो गई है। जिसको लेकर सियासियों बुद्धिजीवियों और शिक्षा से जुड़े लोगों के खुलकर बयान भी आने लगे हैं।
हालांकि कुछ सियासी या अन्य संगठन जो सिर्फ आज़म खान से ही निजी रंजिश या विरोध रखते हैं जिनका शिक्षा या शिक्षण संस्थान से कोई मतलब नहीं है वो अपने निजी बयान भी दे रहे हैं। लेकिन क्योंकि यह मामला मुल्क के युवाओं के भविष्य से जुड़ा है इसको लेकर भोपाल उत्तरी से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने एक मोर्चा खोलने का ऐलान किया है।
उसी को लेकर कांग्रेस नेता और मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ओर भोपाल उत्तरी से कांग्रेस एमएलए आरिफ मसूद आज रामपुर में सपा सांसद आज़म खान के घर पहुचे जहां उन्होंने आज़म खान की पत्नी जिन पर 34 मुक़दमे दर्ज थे और 10 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुई थीं विधायिका डॉ तंज़ीन फातिमा से मुलाकात की और कई मुद्दों पर बात की।
इस मौके पर इमरान प्रतापगढ़ी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो पार्टी पॉलीटिक्स से ऊपर उठकर आये है और आज़म खान के परिवार और जौहर यूनिवर्सिटी के लिए एक मुहिम शुरू करेंगे। उन्होंने और पार्टियों व शिक्षाविदों के अलावा देश की यूनिवर्सिटीयों के वाईस चांसलरों से भी इस मुद्दे पर साथ आने की अपील की और शिक्षण संस्थान को बचाने की अपील की।
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी को बर्बाद करना सरकरी उत्पीड़न है जिस तरह सरकारी जुल्म हो रहा है वह अफसोस नाक है। तंज़ीन फातिमा को 10 माह बगैर किसी जुर्म के जेल में रखना शर्म की बात है। मैं तंज़ीन फातिमा के साथ खड़ा हूँ। सरकारी ज़मीन का अगर गलत इस्तेमाल होने का आरोप है तो उसके लिए सरकार को मौक़ा देना चाहिए ताकि बात की पुष्टि हो सके। यह जमीन तालीम के लिए इस्तेमाल की जा रही है। बगैर इजाज़त के सरकारी के पक्ष में लिया जा रहा है।
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यह सीधे जौहर यूनिवर्सिटी पर हमला है इसके लिए हम खड़े हैं। इस देश का हर तालीम याफ्ता इंसान यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए हर मुमकिन साथ देगा। यहाँ की और केंद्र सरकार का असल मकसद तालिमी इदारों को टारगेट करना है। यह कभी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी कभी जामिया को, कभी जेएनयू को टारगेट करते हैं। और याब जौहर यूनिवर्सिटी पर हमला है। जिसके लिए देशभर के छात्रों से शिक्षकों से और यूनिवर्सिटी के कुलपतियों से अनुरोध करूंगा इस यूनिवर्सिटी को सिर्फ आजम खान की यूनिवर्सिटी मान कर चुप न रहे यह यूनिवर्सिटी देश की है समाज की है उसके लिए खड़े हो। और इसके लिए मैं पूरे मुल्क में छात्रों और शिक्षकों को एक प्लेटफार्म पर लाकर और समर्थन जुटाने की कोशिश करूंगा।
सरकार को इतना ज़ालिम नहीं होना चाहिए वहां बच्चे पढ़ रहे हैं वहां बच्चों का भविष्य अटका हुआ है। आजम खान से दुश्मनी है सियासी बदला ले मगर यूनिवर्सिटी को न बर्बाद करें इसको खून पसीने से सींच कर खड़ी की है। और देश के नाम की है। आप बर्बाद करेंगे तो देश भर के बच्चे खड़े होंगे आप के ख़िलाफ और जो बच्चे पढ़ रहे हैं उनसे खासतौर से अपील करूंगा वह सरकार के खिलाफ सोशल प्लेटफार्म पर एक आवाज उठाएं वरना आपकी यूनिवर्सिटी बर्बाद होगी।कहा कि आजम खान को टारगेट करते करते उनसे जुड़ी हर चीज को टारगेट किया जा रहा है परिवार को टारगेट किया गया।
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राजनीतिक दुश्मनी में परिवार को टारगेट होते नहीं देखा होगा। बीवी को जेल भेजा गया।मुख्यमंत्री को बड़ा दिल दिखाना चाहिए। अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे राजधर्म का पालन सबसे ज़्यादा ज़रूरी होता है शासक के लिए। मुख्यमंत्री को उनसे थोड़ा सीखना चाहिए। कहा मैंने शुरुआत कर दी है दायर तोड़ने की हिम्मत दिखाई है। सभी को यूनिवर्सिटी की खातिर करना चाहिए। कहा मैं कांग्रेस पार्टी से जरूर ताल्लुक रखता हूं मगर यूनिवर्सिटी के साथ खड़ा हूं। आजम खान से दुश्मनी करें मगर यूनिवर्सिटी करें मगर उनकी पत्नी के साथ जो ज़ुल्म ओ सितम हुआ उसके लिए लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव रहा हूँ। और जो भाजपा से इतर जो भी दल हैं या लोग हैं शिक्षक, छात्र और कुलपतियों से भी अपील करूंगा कि संस्थान के लिए खड़े हों। यूनिवर्सिटी को बचाइये। सरकार यूनिवर्सिटी को बर्बाद कर देना चाहती है। कांग्रेस ने भी कहा कि यह ज़ुल्म ओ सितम गलत कर रही है आज़म खान और संस्थान के साथ इसलिए आज यहाँ बैठा हूँ।
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इसके अलावा बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी में आज़म खान के साथ काम करने वाले भोपाल उत्तरी से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि आजम खान के साथ जो हादसे हो रहे हैं हमें और हमारे साथियों को पहले ही मैदान में आना चाहिए था हमने अभी सही समय पर कदम उठाया है यूनिवर्सिटी पर हमला हुआ है उनके साथ अब पूरे देश को खड़ा हो जाना चाहिए। इन तमाम लोगों को खड़ा होना चाहिए जिनकी आवाज बनकर आजम खान खड़े हुए थे यह एक आवाज को दबाने की कोशिश की गई है। पहले आजम खान को दबाया गया फिर उनके परिवार को और अब यूनिवर्सिटी को दबाया जा रहा है। देश के सभी लोगों को एक साथ खड़ा होना चाहिए। जब भी भाजपा की सरकारें आई हैं वह हर आवाज को दबाती आ रही हैं जो भी हक बोलना चाहे उसको दबाना चाहती हैं। आजम खां का सियासी होना गुनाह नहीं मगर अगर वह सच बोल रहे हैं तो उन को दबाया नहीं जा सकता।
सच बोलने पर मुखालिफत भी अगर होतो वह दायरे में हो अब सब को एक साथ खड़ा होना चाहिए हमारे आने का मकसद यही है सब आगे आएं। अब आंदोलन की शक्ल बनेगी और इस आवाज को बढ़ाया जाएगा। हम मुर्दा लोगों में नहीं हैं जिंदा है। वक़्त पर महसूस करेंगे तो सीतापुर भी जाएंगे। आज से तहरीक की शुरुआत की है कांग्रेस कोई फैसला लेगी वह भी अच्छा होगा। हम सबको साथ खड़े होने की जरूरत है। प्रियंका गांधी ने हमेशा उत्तर प्रदेश में ज़ुल्म के खिलाफ आवाज उठाई है उम्मीद है यूनिवर्सिटी पर भी आवाज उठाएंगे शुरू से यूनिवर्सिटी के साथ जुड़ा हूं।
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सपा सांसद मोहम्मद आजम खां की पत्नी शहर विधायक डॉक्टर तंज़ीन फातमा से कई बातों पर तबादला ख्याल किया और हर मुमकिन मदद करने और खड़े रहने का भरोसा दिलाया। दोंनो तंज़ीन फात्मा से हालात जानकर फिक्रमंद नज़र आए और मुलाकात कर क़ाफिला जौहर यूनिवर्सिटी पहुँचा जहाँ यूनिवर्सिटी घूमने के अलावा छात्र छात्राओं और शिक्षकों से भी लम्बी बातचीत की और हौंसला क़ायम रखने को कहा।