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पंजाब कांग्रेस में फिर सियासी बवाल, सिद्धू ने दिया इस्तीफा

पंजाब। पंजाब की राजनीति में पिछले कई महीनों से उठा तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस में बने रहने की बात कही है। सिद्धू ने अपना इस्तीफा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है।

हालांकि, सिद्धू ने कहा है कि, वो कांग्रेस में बने रहेंगे। सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे खत में कहा कि वे कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने रहेंगे। 23 जुलाई को उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया था।

अपने इस्तीफे में सिद्धू ने लिखा, इंसान का पतन समझौते से होता है। मैं कांग्रेस के भविष्य और पंजाब की भलाई के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। पार्टी के लिए काम करता रहूंगा।

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पंजाब में आज नए मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ है और इसके चंद घंटे बाद ही सिद्धू ने सोनिया गांधी को इस्तीफा भेज दिया। इसके पीछे कुछ महत्वपूर्ण वजह हैं। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की वजह सिद्धू की नाराजगी है।

आपको बता दें कि, जब पंजाब में मंत्रियों के नाम तय किए गए तब राहुल गांधी ने पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बातचीत कर इसका फैसला किया। इसमें कहीं भी नवजोत सिंह सिद्धू को शामिल नहीं किया गया। पहले दिन की मीटिंग में उन्हें जरूर बुलाया गया लेकिन जब राहुल गांधी शिमला से लौटकर आए तब की मीटिंग में सिद्धू को शामिल नहीं किया गया।

बताया जा रही है कि सीएम चन्नी ने जिन भी लोगों के नाम तय करने शुरू किए चाहे वो डीजीपी हों या एडवोकेट जनरल हों, इसमें भी सिद्धू की नहीं मानी गई।

मंत्रियों के नाम तय करने में हाईकमान ने उन्हें शामिल नहीं किया, पोर्टफोलियो तय करने में उनसे नहीं पूछा गया और साथ ही महत्वपूर्ण पदों (डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी जैसे पद) पर नियुक्ति के विषय में भी सीएम सिद्धू की सलाह नहीं रहे हैं। ऐसे में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर उन्होंन हाईकमान के सामने अपनी नाराजगी दर्ज करने की कोशिश की है।

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