यूपी के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एक बार फिर राम के नाम पर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी सरकार ने एक 12 पन्नों का बुकलेट जारी किया है। उसके पहले पेज पर भगवान राम की तस्वीर लगी हुई है। तस्वीर को लेकर विपक्ष हमलावर नजर आ रहा है।
इसी क्रम में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एसपी और कांग्रेस पर बड़ा पलटवार किया। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि रामलला तो सबके हैं, रामलला से कांग्रेस और एसपी को क्या दिक्कत है। यह वही कांग्रेस है जिसने सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के फैसले के समय कपिल सिब्बल को वकील नियुक्त किया था, जिन्होंने कहा था कि फैसला विलंब से किया जाए इसका 2019 के लोकसभा में फायदा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यह वही समाजवादी पार्टी है जिसने रामलला के भक्तों पर गोली चलवाई थी। रामलला आस्था का विषय है। उधर, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता एमएलसी सुनील साजन ने कहा कि बीजेपी राम के नाम का राजनीतिकरण कर रही है। राम के नाम का व्यवसायिक इस्तेमाल कर रही है। राम कण-कण में हैं रोम-रोम में है, लेकिन बीजेपी राम को हर चुनाव में अपने राजनीतिक फायदे के लिए आगे ले आती है।
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कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी भगवान राम को पहले पन्ने पर रखे या आखिरी पन्ने पर, इस वक्त मंदिर बन रहा है तो पहले पन्ने पर है, नहीं बन रहा था तो राम का एजेंडा इनके आखिरी पन्ने पर था। उन्होंने कहा कि बीजेपी भगवान राम का व्यवसायिक इस्तेमाल कर रही है और एजेंडा बना रही है. बीजेपी को अपने विकास बुक में महिलाओं के अपराध को रखना था। वहीं गंगा में उतराती लाशों को रखना था।
गौरतलब है कि योगी सरकार नए चुनावी नारे के साथ मैदान में होगी। इस बार इरादे नेक…, काम अनेक नारा दिया गया है. वहीं चुनावी एजेंडे में मुफ्त वैक्सीनेशन और मुक्त राशन की योजना को भी शामिल किया गया है।