कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर 8 दिसम्बर को भारत बंद का आह्वान किया गया है। इस ऐलान में राजनैतिक विपक्षी पार्टियां भी शामिल हो गयी हैं। एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी ने खुल कर समर्थन किया है तो वही कांग्रेस भी इस समर्थन में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस नेताओं ने किसानों के बीच जहां बंदी को सफल बनाने के लिए पर्चे बांटे हैं तो वहीं गली और चौराहों पर पोस्टर भी चस्पा किये गए हैं।
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बनारस के सड़कों की दीवारों पर चस्पा ये पोस्टर किसानों द्वारा भारत बंद के समर्थन में लगाया गया है। पोस्टर पर लिखा है कि 8 दिसम्बर भारत बंद तो सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने के लिए हैस टैग किसान आंदोलन लिखा गया है। ये पोस्टर वाराणसी के कई गली और चौराहों पर लगाये गए हैं। इतना ही नहीं इन पोस्टरों को वाराणसी के सबसे बड़े मंडी सिगरा स्थित चंदुआ सट्टी में भी किसानों को बांटा गया है।
पोस्टर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बनारस वाले मिश्रा जी उर्फ हरीश द्वारा वितरित किया जा रहा है। इसे गली और चौराहों पर भी लगाया जा रहा है। हरीश का कहना है कि इन पोस्टरों के माध्यम से किसानों और आम नागरिकों को जगाने की कोशिश की जा रही है ताकि किसानों के समर्थन में 8 दिसम्बर की बंदी सफल हो। उन्होंने कहा कि सरकार का ये बिल किसानों के लिए उचित नहीं है। इस आवाज को आंदोलन के माध्यम से किसान सरकार तक पहुंचा रहे हैं। ऐसे में हम उनका समर्थन कर रहे हैं।
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दरअसल, किसान आंदोलन में धीरे-धीरे राजनैतिक समर्थन खुल कर सामने आने लगा है. हालांकि इस आंदोलन का असर यूपी या फिर पुर्वांचल में अब तक देखने को नहीं मिला है, लेकिन राजनैतिक पार्टियां किसानो को उकसाने में लगी हुई हैं, ताकि किसान पंजाब के बाद यूपी में भी विरोध करते हुए नजर आए।
हालांकि प्रशासन की पैनी नजर उकसाने वालों पर लगी हुई है ताकि उकसाने की राजनीति के कारण प्रदेश में तनाव का माहौल न बन पाए।