हिंदू धर्म में हर महीने कई व्रत पड़ते हैं। हर व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। इन्हीं में शामिल है प्रदोष (Pradosh) व्रत। हिंदू धर्म में हर भगवान को कोई न कोई तिथि समर्पित की गई है। जैसे भगवान को एकदाशी की तिथि समर्पित की गई है, वैसे ही भगवान शिव को त्रयोदशी तिथि। त्रयोदशी तिथि पर ही प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को समर्पित किया गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल माघ के माघ महीने का पहला प्रदोष व्रत कब है। इसकी पूजा विधि क्या है। साथ ही इस व्रत का महत्व क्या है।
इस साल प्रदोष (Pradosh) व्रत कब
इस साल माघ महीने की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 26 जनवरी रविवार को रात 8 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 27 जनवरी को सोमवार को रात 8 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा। ऐसा में उदायातिथि के अनुसार, 27 जनवरी को माघ महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। ये व्रत सोमवार को पड़ रहा है। इस वजह से ये सोम प्रदोष कहा जाएगा। वहीं इस दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगा। वहीं रात 8 बजकर 34 मिनट पर शुभ मुहूर्त समाप्त हो जाएगा।
प्रदोष (Pradosh) व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय के समय प्रात: काल में उठ जाना चाहिए। फिर स्नान के बाद साफ कपड़े पहनने चाहिए। इसके बाद बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव का पूजन करना चाहिए। इसके बाद पूरे दिन व्रत के बाद सूर्यास्त के समय स्नान कर सफेद पहनने चाहिए। शाम को गंगा जल से पूजा वाली जगह को शुद्ध कर लेना चाहिए। शाम को भी भगवान शिव को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, चावल, फूल,फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ानी चाहिए। भगवा ने समाने धूप- दीप जलाना चाहिए। फिर भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाना चाहिए। अंत में भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
प्रदोष (Pradosh) व्रत के नियम
– प्रदोष व्रत पर तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
– मन में नेगिटिव विचार नहीं लाने चाहिए।
– झूठ बोलने से बचना चाहिए
– किसी को दुख या कष्ट नहीं देना चाहिए।
– व्रत के दिन किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए।
प्रदोष (Pradosh) व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व माना जाता है। प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। ये व्रत करने से जीवन में खुशहाली आती हैं। व्यक्ति के सभी कष्ट, पाप, रोग और दोष दूर होते हैं। प्रदोष व्रत करने से संतान, सुख-समृद्धि, सफलता और धन-धान्य प्राप्त होता है।









