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पितृ पक्ष के चलते इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Writer D by Writer D
29/09/2021
in Main Slider, ख़ास खबर, धर्म, फैशन/शैली
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Pradosh Vrat

Pradosh Vrat

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हर मास की त्रयोदशी भगवान शंकर को समर्पित होती है। त्रयोदशी तिथि में प्रदोष व्रत का विधान है। हर महीने दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। एक बार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी में प्रदोष व्रत रखा जाता है। आश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत 04 अक्टूबर, सोमवार को रखा जाएगा। सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है।

शुभ मुहुर्त-

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी 3 अक्टूबर, रविवार रात 10 बजकर 29 मिनट पर आरंभ होगी। तिथि का समापन 4 अक्टूबर, सोमवार को सुबह 09 बजकर 5 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में व्रत उदयातिथि में रखना उत्तम माना जाता है। ऐसे में प्रदोष व्रत 4 अक्टूबर को रखा जाएगा।

सोम प्रदोष व्रत महत्व-

मान्यता है कि भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। ऐसे में सोमवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से इसका महत्व और बढ़ जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती है।

प्रदोष व्रत पूजा- विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।

स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

अगर संभव है तो व्रत करें।

भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।

भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।

इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

भगवान शिव की आरती करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

प्रदोष व्रत पूजा- सामग्री-

पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

Tags: pradosh vrat 2021pradosh vrat kathapradosh vrat pujapradosh vrat shubh muhurt
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