लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा में सोमवार को भी प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड (Prayagraj Murder Case) का मामला उठा। शून्य काल के दौरान उठे मुद्दे का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रयागराज की घटना दुखद है। अपराधी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में घटना हुई है। यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। घटना की पृष्ठभूमि सामने रखना चाहता हूं। राजू पाल की हत्या के संबंध में पत्नी ने एफआईआर दर्ज कराई थी। अतीक अहमद मामले में आरोपी है। उमेश पाल मामले में महत्वपूर्ण गवाह थे। इसी गवाही की वजह से हत्या के तार जुड़े हैं। 2007 में उमेश पाल के अपहरण के मामले में भी एक मुकदमा पंजीकृत हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने जल्द ट्रायल पूरे करने के निर्देश दिए थे।
खन्ना ने सदन को बताया कि उमेश पाल की सुरक्षा के लिए दो गनर भी दिए गए थे। बिना कारण के मर्डर नहीं होते हैं। एक सिपाही की मौत हो गई है। दूसरे सिपाही की हालत गंभीर है। प्रयागराज पुलिस ने 10 टीमों का गठन किया है। नए मुकदमे में भी अतीक अहमद का नाम है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को भी लगाया गया है। अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुरस्कार भी घोषित होने जा रहा है। प्रयागराज की घटना को सरकार ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने भी कहा है कोई भी दोषी हो, छोड़ा नहीं जाएगा। दोषी व्यक्ति को सजा जरूर मिलेगी।
खन्ना सदन में यह बातें बसपा विधायक की ओर से इस मुद्दे को उठाने के बाद कही। बसपा विधायक दल के नेता उमाशंकर सिंह ने कहा बसपा कि सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी पार्टी के एक नेता को मुख्यमंत्री आवास से गिरफ्तार कराया था। बसपा अपराधियों को संरक्षण नहीं देती है। उन्होंने प्रयागराज घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की, साथ ही घटना में मारे गए। उमेश की पत्नी को पांच करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की।
विधान सभा सदस्य होंगे उत्कृष्ट विधायक सम्मान से पुरस्कृत
लोकसभा की तर्ज पर उप्र. विधान सभा भी अपने सदस्यों को उत्कृष्ट विधायक की पदवी से पुरस्कृत करेगी। उप्र विधान सभा की कार्यवाही के दौरान विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सदन को अवगत कराया कि इस विषय पर उनकी नेता सदन व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात हुई थी। उसके बाद इसे लागू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक नियमावली बनी गयी है। उत्कृष्ट विधायक घोषित करने के लिए विधान सभा सदस्य के सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने, सदन में कार्यशैली, सदन में बात रखते वक्त भाषायी मर्यादा, आचरण, व्यवहार, जनता के बीच उपस्थिति जैसे कई बिंदुओं का आंकलन किया जाएगा। इस पर सदस्य को खरा उतरना होगा। विधान सभा अध्यक्ष ने बताया कि उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार एक वर्ष के लिए होगा। इस साल का पुरस्कार अगले वर्ष दिया जाएगा। यह पदवी उक्त सदस्य के पास एक वर्ष तक रहेगी। नये का नाम घोषित होने के साथ ही पुराने की पदवी समाप्त हो जाएगी।
स्वर्गीय सदस्यों की पत्नियों की पेंशन में वृद्धि
उप्र सरकार ने उप्र विधान सभा के स्वर्गीय सदस्यों की पत्नियों की पेंशन को बढ़ाने का निर्णय लिया है। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को विधान सभा में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उप्र विधान सभा एवं विधान परिषद के स्वर्गीय सदस्यों की पत्नियों की पेंशन बढ़ाई जा रही है। अब उन्हें 25 हजार रुपये प्रति माह पेंशन की धनराशि मिलेगी। पहले यह राशि 10 हजार रुपये प्रति माह थी। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि विधान सभा में ऐसे 287 सदस्य हैं जिनकी पत्नियों को पेंशन मिलती है। विधान परिषद के 25 सदस्य हैं। दोनों सदनों को मिलाकर 312 स्वर्गीय सदस्यों की पत्नियों को यह लाभ मिलेगा।
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उल्लेखनीय है कि उप्र विधान सभा का सत्र 20 फरवरी से चल रहा है। 20 को राज्यपाल का अभिभाषण हुआ और 22 फरवरी को योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश किया। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद अब सदन में बजट पर चर्चा चल रही है।