साल 2023 में दो चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) और दो सूर्यग्रहण लग रहे हैं, जिनमें से पहला सूर्यग्रहण अप्रैल माह की 20 तारीख को लग चुका है. साल का पहला चंद्रग्रहण 5 मई 2023 को लग रहा है. इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है. जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है तो इस स्थिति को चंद्रग्रहण कहा जाता है. इस दौरान किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ, खाना-पीना, यहां तक कि सोना भी वर्जित माना गया है.
साल का पहला चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) भारत में दिखाई नहीं देगा. ये उपच्छाया चंद्रग्रहण है, जिसकी वजह से यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा. भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं चंद्रग्रहण पर गर्भवती महिलाओं से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं के बारे में.
भगवान का नाम जपें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भी ग्रहण होता है उस दौरान तनाव मुक्त रहने के लिए भगवान के नाम, मंत्रों और भजनों का जाप करते रहना चाहिए. इस दौरान कोशिश करें कि मन में नकारात्मक विचार ना आएं. ग्रहण काल में कोशिश करें कि किसी भी तरह के वाद-विवाद ना करें.
धारदार चीजों का इस्तेमाल
धार्मिक मान्यताओं अनुसार, चंद्रग्रहण (Chandra Grahan) या सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को धारदार चीजों के उपयोग से बचना चाहिए. इसका नकारात्मक प्रभाव मां और बच्चे पर देखने पर मिलता है.
सोने से करें परहेज
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान सोने से बचना चाहिए. ग्रहण के दौरान विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को सोने से बचना चाहिए. कहा जाता है इसका नकारात्मक प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क पर पड़ सकता है.
ग्रहण (Chandra Grahan) खत्म होने के बाद क्या करें?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण (Chandra Grahan) खत्म होने के बाद गर्भवती महिलाओं को गंगा जल या किसी पवित्र नदी के जल को नहाने के पानी में मिला कर स्नान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से गर्भ में पल रहे शिशु और मां दोनों के ऊपर से ग्रहण का दोष हट जाता है.