राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को बिन्ध्य क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी मां बिन्ध्यवासिनी देवी के दर्शन कर पूजन किए।
श्री कोविंद ने सपत्नीक मां के श्रृंगार और यज्ञ कुंड में साकला डाल कर पूरे विधि-विधान से हवन-पूजन सम्पन्न किया। पूरे धार्मिक कार्यक्रमों को स्थानीय भाजपा विधायक एवं बिन्ध्याचल धाम के पुरोहित पंडा रत्नाकर मिश्र एवं उनके सहयोगी विद्वान पुरोहित पंडितों ने सम्पन्न कराया। बिन्ध्याचल धाम में दर्शन पूजन करने वाले वह दूसरे राष्ट्रपति है। इससे पहले शंकर दयाल शर्मा उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के रूप में यहां दर्शन पूजन किया था। पूरे धार्मिक अनुष्ठान के दौरान महामहिम एक सामान्य यजमान के रूप में दिखे। देवी के प्रति पूरी श्रद्धा का भाव उनके चेहरे पर स्पष्ट दिखाई पड़ रहा था। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
राष्ट्रपति के बिन्ध्याचल मंदिर पहुंचने से पहले पूजन सामग्री की तैयारी कर ली गयी थी जिसमें माला फूल रोली रक्षा आदि के साथ हवन का साकला भी शामिल था। पंडित पुरोहित भी पूरे ड्रेस कोड में तैयार थे।
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इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सोनभद्र जिले के दौरे के बाद हैलीकाफ्टर से अष्टभुजा हैलिपैड पर उतरे जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ स्थानीय सांसद अनुप्रिया पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति के साथ उनकी धर्मपत्नी सविता वेन भी थी।
राष्ट्रपति के यहाँ आगमन की सूचना जिला प्रशासन को दो सप्ताह पहले मिल गया था। जिला प्रशासन ने पूरे मंदिर का रंग-रोगन करा कर नया लुक दे दिया था। रामनाथ कोविंद के मंदिर परिसर में पहुचने के बाद मंत्रोच्चार के बीच पंडितों ने धार्मिक कार्यक्रमों को पूरे विधि-विधान से पूर्ण कराया। मां का भव्य श्रृंगार राष्ट्रपति की ओर से किया गया था। उन्होंने मां की आरती कर परिक्रमा भी पूर्ण की। यज्ञ शाला के कुंड में साकला डालकर हवन पूर्ण किया।
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इस दौरान उनकी धर्म पत्नी सविता वेन ने भारतीय परम्परा के अनुसार पूरे धार्मिक अनुष्ठान में साथ निभाया। इस दौरान मंत्रोच्चार से पूरा परिसर गुंजायमान हो रहा था। राष्ट्रपति ने हाथ में कलावा बधवा कर अपने पुरोहित को दक्षिणा भी दिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं एक गाईड की तरह हमेशा साथ साथ थे। महामहिम को बिन्ध्याचल में चल रहे कोरीडोर एवं योजनाओं से भी अवगत कराया गया।
राष्ट्रपति के यहाँ पहुंचने से पहले चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। आज सुबह दस बजे के बाद आम दर्शनार्थियों के मंदिर में प्रवेश पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई थी। पूरा मंदिर सुरक्षा के जवानों के हवाले कर दिया गया था। दो दिन पहले से ही स्थानीय होटलों को भी बंद करा दिया गया था। पूरा प्रशासनिक अमला सुरक्षा व्यवस्था की देखभाल में लगा हुआ था। पूरे कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को दूर रखा गया था। बिन्ध्याचल के पुरोहित पंडों को भी मंदिर दूर रखा गया था। स्थानीय पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज दूबे अपना विरोध दर्ज कराया।
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तैयारियों के बाबजूद राष्ट्रपति प्रसिद्ध देवरहवा बाबा आश्रम नहीं गये। हालांकि जिला प्रशासन ने आश्रम में राष्ट्रपति के सम्भावित यात्रा के मद्देनजर मुकम्मल तैयारी कर रखी थी। आश्रम को पूरी तरह सजाया भी गया था।
राष्ट्रपति के पूरे कार्यक्रम में स्थानीय सभी भाजपा विधायक एवं धर्मादा मंत्री नीलकंठ तिवारी भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थानीय विधायकों और सांसदों से अलग से मुलाकात कर सभी की समस्या सुनी।