नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद से पारित तीनों कृषि विधेयकों को रविवार को स्वीकृति दे दी। इन विधेयकों का पूरे देश में विरोध हो रहा है।
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खासकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान इनके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, विपक्ष भी इन विधेयकों को लेकर केंद्र पर निशाना साध रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कृषि विधेयक का जिक्र करते हुए कहा कि अब किसानों को अपनी फल-सब्जियां कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत मिल गई है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे कई ऐसे किसानों की चिट्ठियां मिलती हैं, किसान संगठनों से मेरी बात होती है, जो बताते हैं कि कैसे खेती में नए-नए आयाम जुड़ रहे हैं, कैसे खेती में बदलाव आ रहा है। कोरोना के इस कठिन समय में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है, देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं, ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।’