आलू और प्याज के साथ हरी सब्जियों के दाम में तेजी ने भी आम उपभोक्ताओं को परेशान कर दिया है। प्याज की कीमतें 80 रुपये तक पहुंच गई हैं। वहीं आलू की कीमत 50 रुपये किलो को छू रही है। पुराना आलू 45 से 50 रुपये किलो बिक रहा है वहीं नया आलू 60 रुपये तक पहुंच गया। दरअसल पिछले साल आलू की खुदाई वक्त बारिश होने से सप्लाई पर असर पड़ा।
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आलू की बढ़ी कीमतों पर इसी का असर दिख रहा है। इसके साथ ही बारिश में महाराष्ट्र और कर्नाटक में लगातार बारिश से प्याज की फसल भी खराब हुई। हालांकि सरकार ने प्याज के स्टॉक पर लिमिट लगाई है लेकिन कई जगहों पर इसकी ब्लैक मार्केटिंग चल रही है। जानकारों का कहना है कि फरवरी तक ही इसके दाम गिरेंगे। इसके बाद ही प्याज की बढ़ी कीमतों से राहत मिलेगी।
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आलू-प्याज की कीमतों के साथ ही हरी सब्जियों के दाम भी कहर बरपा रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में टमाटर 60 से 70 रुपये किलो बिक रहा है। वहीं गोभी 80 से 100 रुपये प्रति किलो पर चल रही है। पत्ता गोभी 70 रुपये और लौकी 40 रुपये किलो के हिसाब से बिक रही है।
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देश के कई इलाकों में भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ ने सब्जियों की पैदावार तो खराब की है, लॉकडाउन की वजह से भी सप्लाई पर असर पड़ा है। यही वजह है सब्जियों के दाम काबू नहीं हो रहे हैं। देश के कई इलाकों में दोबारा कोविड-19 संक्रमण की आशंका ने प्रशासन की सख्ती बढ़ी है और लॉकडाउन कड़े किए गए हैं। इसने सब्जियों की सप्लाई पर भारी असर डाला है।
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आजादपुर मंडी में सब्जियों के आढ़तियों का कहना है कि प्याज और आलू की कीमतों में कमी की अभी कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है। नया आलू जितना आना चाहिए उतना नहीं आ रहा है। आढ़तियों का कहना है हरी सब्जियों की सप्लाई कम है। दाम बढ़ने की वजह से थोक ग्राहक माल भी ज्यादा नहीं उठा रहे हैं। उनका कहना है जब तक ठंड के मौसम में आने वाली सब्जियों की सप्लाई नहीं बढ़ेगी तब तक इनके दाम में कमी आने की गुंजाइश नहीं दिखती।