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गोरखपुर खाद कारखाना का प्रिलिंग टावर, कुतुब मीनार से भी है दोगुना

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सात दिसंबर को लोकार्पित होने जा रहे हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड ; एचयूआरएल. के इस खाद कारखाने के प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई कुतुब मीनार की ऊंचाई से दोगुनी से भी अधिक है। यह विश्व में किसी भी खाद कारखाने का सबसे ऊंचा प्रिलिंग टॉवर है।

रसायन विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई उर्वरक की गुणवत्ता का पैमाना होती है। ऊंचाई जितनी अधिक होगी उर्वरक उतनी क्वालिटी वाला होगा।

22 जुलाई 2016 को गोरखपुर में एचयूआरएल के खाद कारखाने का शिलान्यास कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संघर्ष को परिणामजन्य बनाया था। करीब 600 एकड़ में 8603 करोड़ रुपये की लागत से अब यह खाद कारखाना तमाम खूबियों के साथ बनकर तैयार है।

ऐसी ही खासियत यहां बने प्रिलिंग टॉवर की है। इसकी ऊंचाई 149.2 मीटर है जो पूरे विश्व में अब तक की सर्वाधिक ऊंचाई वाला प्रिलिंग टॉवर है। तुलनात्मक विश्लेषण करें तो यह कुतुब मीनार से भी दोगुना ऊंचा है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है।

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सबसे ऊंचे प्रिलिंग टॉवर से बेस्ट क्वालिटी की यूरिया का उत्पादन गोरखपुर के खाद कारखाना में होगा। इसके लिए एचयूआरएल की तरफ से कार्यदायी कंपनी टोयो इंजीनियरिंग जापान, इंडिया ने प्रीलिंग टावर की ऊंचाई सर्वाधिक रखी।

प्रीलिंग टावर की ऊंचाई जितनी अधिक होती है यूरिया के दाने उतने छोटे व गुणवत्तायुक्त बनते हैं। प्राकृतिक गैस आधारित यहां के प्लांट में प्रतिवर्ष 127 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा। इस उत्पादन से देश की खाद मामले में आयात पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी।

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