कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड जैसे दूसरे (अन्य) राज्यों से प्राइवेट टूरिस्ट बसों से लखनऊ आने वाले श्रमिकों की संख्या में कमी आई है। फिलहाल पहले करीब 500 प्राइवेट बसें प्रतिदिन श्रमिकों को लेकर लखनऊ आती थीं। अब तकरीबन 300 प्राइवेट बसें रोजाना आ रही हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (रोडवेज) प्रशासन ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों से प्राइवेट टूरिस्ट बसों से लखनऊ आने वाले श्रमिकों की संख्या में कमी आने पर राहत की सांस ली है। अब रोजाना दूसरे राज्यों से लखनऊ आने वाली प्राइवेट बसों की संख्या घट रही हैं।
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एक अप्रैल से रोजाना औसतन 500 प्राइवेट बसें दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से श्रमिकों और सवारियों को लेकर लखनऊ आती रहीं हैं। 25 अप्रैल के बाद से लखनऊ आने वाली प्राइवेट बसों की संख्या घटकर प्रतिदिन करीब 300 पहुंच गई है।
लखनऊ के चारों बस अड्डों से 318 बसों से भेजे गए 12 हजार प्रवासी
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने लखनऊ के चारबाग, आलमबाग, कैसरबाग और अवध बस अड्डे से बुधवार को करीब 318 बसों से 12 हजार प्रवासियों को उनके गंतव्य पर भेजा है। इसके पहले बसों और यात्रियों की संख्या काफी अधिक होती थीं।
मुंबई और दिल्ली की ट्रेनों में वेटिंग हुई कम
मुंबई और दिल्ली से पलायन कम होने का नतीजा है कि बीते एक सप्ताह से मुंबई और दिल्ली से आने वाली ट्रेनों में वेटिंग कम हो गई है। हलांकि स्पेशल ट्रेनें चलाकर श्रमिकों को राहत भी दी गई हैं। बुधवार को मुंबई से लखनऊ पहुंची पुष्पक स्पेशल ट्रेन में मात्र 1200 यात्री थे । इन यात्रियों को 25 बसों से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों को भेजा गया है।
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परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने बताया कि धीरे-धीरे बसों की मांग कम हो रही है। इससे पता चल रहा है कि प्राइवेट बसों से अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों की संख्या में गिरावट आई है।