केन्द्र सरकार द्वारा आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति प्रदान किए जाने के विरोध में शुक्रवार को आईएमए से जुडे निजी चिकित्सक 12 घंटे की हडताल पर रहे।
इस दौरान ओपीडी भी पूरी तरह बंद रही, हालांकि चिकित्सकों ने इमरजैंसी मरीजों को देखने से परहेज नहीं किया लेकिन कुछ मरीजों को जरूर परेशानियां झेलनी पडी। मरीजों ने सरकारी अस्पताल पहुंचकर अपना उपचार कराया।
आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति दिए जाने से आईएमए के चिकित्सकों में आक्रोश है। इसी आक्रोश को लेकर शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसियेशन से जुडे निजी चिकित्सक 12 घंटे की हडताल पर रहे।
मशहूर कोरियोग्राफर रेमो डीसूजा को आया हार्ट अटैक, कोकिलाबेन हॉस्पिटल में एड्मिट
इस दौरान ओपीडी भी बंद रही, हालांकि चिकित्सकों ने इमरजैंसी व कोरोना के मरीजों को देखने में परहेज नहीं किया जबकि कुछ अन्य मरीजों को परेशानियों का सामना करना पडा। कई मरीजों ने सरकारी अस्पताल पहुंचकर अपना उपचार कराया। वहीं आईएमए के अध्यक्ष डा. अकबर खान ने बताया कि मिक्सोपैथी यानि एक पद्धति के चिकित्सक को दूसरी पद्धति के कार्य करने की अनुमति देना चिकित्सक के स्तर और उसकी गुणवत्ता को कम करना है।
उन्होने कहा कि दो अलग-अलग पद्धतियों को मिलाना गलत कार्य है, आयुर्वेद हमारे देश की एक महान पद्धति है, सरकार को चाहिए कि सरकार चिकित्सकों के विरोध का संज्ञान ले। सरकार को चाहिए कि उसको अलग-अलग से विकसित करे और आयुर्वेद के योग्य एवं प्रशिक्षित चिकित्सक देश को प्रदान करें।
बिहार में बड़ा बदलाव करेगी कांग्रेस, राहुल गांधी के बेहद करीबी की ताजपोशी तय
आयुर्वेद की दवाईयां और उनका तरीका अलग है और एलोपैथी दवाईयां और उनका तरीका अलग है, दोनों को मिश्रित करना ठीक नहीं है इसलिए आईएमए इस मिक्सोपैथी के खिलाफ है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार चिकित्सकों की समस्या को समझेगी।