नई दिल्ली| सरकार का आयकर कानून के तहत सभी प्रक्रियाओं के लिए फेसलेस आकलन शुरू करने का प्रस्ताव है। इसमें कर संग्रह, वसूली और जानकारी एकत्र करना इत्यादि शामिल है।फेसलेस प्रक्रिया में किसी भी क्षेत्र के करदाता का कर आकलन देशभर के किसी भी आयकर कार्यालय में किया जाता है। उदाहरण के लिए चेन्नई के करदाता का कर आकलन सूरत के आयकर कार्यालय में हो सकता है और सूरत के करदाता का कर आकलन गुवाहाटी में किया जा सकता है।
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मौजूदा वक्त में कर आकलन इस प्रक्रिया के तहत शुरू हुआ है और 25 सितंबर से अपील के मामले भी इसी प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ेंगे। सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कराधान और अन्य कानून (कुछ प्रावधानों में छूट एवं संशोधन) विधेयक-2020 पेश किया। इसमें आयकर कानून के तहत आने वाली कम से कम आठ प्रक्रियाओं के लिए फेसलेस (फेसलैस) आकलन का प्रस्ताव किया गया है।
इस विधेयक में आय छिपाने, परिशोधन, संशोधन, नोटिस जारी करने इत्यादि के लिए फेसलैस आकलन का प्रस्ताव किया गया है। इसके अलावा कर संग्रह, कर वूसली, अनुमति या पंजीकरण और आदेश के प्रभाव का आकलन भी फेसलेस तरीके से करने को कहा गया है।
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सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है, आरईएसी के अधिकारी और कर्मचारी आयकर कानून के तहत आकलन और सत्यापन का काम करेंगे, लेकिन विभाग द्वारा करदाताओं/तीसरे पक्ष से संपर्क का काम सिर्फ एनईएसी के नाम पर किया जा सकेगा। इस बारे में आरईएसी किसी तरह का संपर्क का काम नहीं करेंगे।