नयी दिल्ली। अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही वायु सेना के लिए आगामी 10 सितम्बर का दिन काफी महत्वपूर्ण है। क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदलने की ताकत रखने वाला यह विमान फ्रांस से खरीदा गया है और इस दिन वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल होने के बाद यह इसकी शान बनेगा।
वायु सेना के लिए तुरूप का इक्का माने जाने वाले पांच राफेल विमानों की पहली खेप गत जुलाई में ही भारत आयी थी। वायु सेना की ओर से आज आधिकारिक तौर पर पुष्टि की गयी है कि इन विमानों को 10 सितम्बर को अंबाला वायु सेना स्टेशन में वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जायेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फलोरेंस पार्ले भी इस मौके पर हरियाणा के अंबाला स्थित वायु सेना स्टेशन में मौजूद रहेंगी।
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वायु सेना ने 59 हजार करोड़ रूपये की लागत से फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद का सौदा किया है। इनमे से पांच विमान गत 29 जुलाई को भारत आये थे और चार विमानों की अगली खेप के अक्टूबर में आने की संभावना है।
पाकिस्तान और चीन सीमा पर एक साथ दो मोर्चों पर अभियान के लिए वायु सेना के पास राफेल जैसे विमान की बेहद अधिक जरूरत बतायी जा रही है।
वायु सेना में लड़ाकू विमानों के स्कवैड्रनों की स्वीकृत संख्या 42 है लेकिन पिछले वर्षों में इसमें अच्छी खासी कमी आयी है।