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जीत गई जिंदगी, 105 घंटे बाद मौत को मात देकर बोरवेल से बाहर निकला राहुल

rahul sahu

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जांजगीर। जीत गई जिंदगी, जी हां 105 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद राहुल (Rahul) को 80 फीट एक सूखे बोरवेल (borewell)  से बाहर निकला जा चुका है। राहुल ठीक है वह आखें खोल कर देख रहा है। राहुल को निकालने के पहले उसके पिता को टनल के पास बुला लिया गया था।

बीते शुक्रवार को दोपहर में छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में 11 साल के बालक राहुल साहू 80 फीट एक सूखे बोरवेल (Borewell) में गिर गए थे। पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ और मेडिकल टीम 105 घंटे तक बच्चे को बचाने का लगातार प्रयास करते रहे। इस दौरान राहुल साहू (Rahul Sahu) के परिजनों और रेस्क्यू टीम की सांसें हलक में अटकी रही। बचाव दल के अथक प्रयासों और राहुल के माता-पिता और लोगों की दुआएं रंग लाई और आखिरकार मासूम ने जिंदगी की जंग जीत ली।

शासन-प्रशासन, एनडीआरआफ, एसडीआरएफ और सेना के जवानों की मेहनत रंग लाई। बोरवेल से राहुल को बाहर निकाला गया। आपको बता दे 105 घंटे तक रेस्क्यू के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाला गया है। अभी राहुल को सीधा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अस्पताल ले जाया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री बघेल ने बोरवेल में फंसे राहुल साहू के सकुशल बाहर आने पर खुशी व्यक्त करते हुए ट्वीट में लिखा है कि ‘‘माना कि चुनौती बड़ी थी, पर हमारी टीम भी कहाँ शांत खड़ी थी। रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फौलादी थे।’’ उन्होंने कहा कि सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राहुल और उसके परिजनों पर आए संकट को लेकर मैं व्यक्तिगत रूप से भी बहुत चिंतित था। मैं पल-पल का अपडेट ले रहा था। मैंने राहुल के परिजनों से फोन पर बातचीत करके उन्हें भरोसा दिलाया था कि हम हर संभव प्रयास करेंगे। इस घटना ने खुले छोड़ दिए गये बोरों को लेकर एक बार फिर सभी को सचेत किया है। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे खतरनाक बोरों को बंद करना सुनिश्चित करें।

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