नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी लगातार अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर मोदी सरकार पर वार कर रहे हैं। गुरुवार को अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर उन्होंने अपनी वीडियो सीरीज का दूसरा हिस्सा जारी किया। वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मजदूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है। जो पांसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया। GDP में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा ये जानने के लिए मेरा वीडियो देखिए।”
मोदी जी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है।
जो पाँसा 8 नवंबर 2016 को फेंका गया था, उसका एक भयानक नतीजा 31 अगस्त 2020 को सामने आया।
GDP में गिरावट के अलावा नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था को कैसे तोड़ा ये जानने के लिए मेरा वीडियो देखिए। pic.twitter.com/GzovcTXPDv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 3, 2020
अपने वीडियो में राहुल गांधी ने कहा, “नोटबंदी देश के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर हमला है। नोटबंदी ने देश की असंगठित अर्थव्यवस्था है। 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया। 500 और 1000 का नोट खत्म हो गया। पूरा देश बैंक के सामने जाकर खड़ा हो गया। आपने अपना पैसा, अपनी कमाई बैंक में जमा की।”
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वीडियो में आगे सवाल पूछते हुए राहुल गांधी ने कहा, “क्या कालाधन मिटा? नहीं। दूसरा सवाल- देश की गरीब जनता को नोटबंदी से क्या फायदा हुआ? जवाब कुछ नहीं। तो फायदा किसे हुआ। फायदा में देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों को मिला। कैसे? सरकार ने बैंक के जरिए आपकी जेब से पैसा निकालकर उद्योगपतियों का कर्जा माफ करने के लिए किया।
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गांधी ने आगे कहा, “नोटबंदी का दूसरा उद्देश्य देश की असंगठित अर्थव्यवस्था के सिस्टम से कैश को निकालने का था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह कैशलेस इंडिया चाहते हैं। अगर कैशलेस इंडिया होगा, तो असंगठित अर्थव्यवस्था खत्म हो जाएगी। क्योंकि छोटे दुकानदार, किसान, मजदूर नकद लेन-देन पर ही निर्भर रहते हैं। अब पूरे देश को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना होगा।