नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाथरस दौरे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जनता ये समझती है कि उनकी हाथरस की तरफ कूच राजनीति के लिए है, इंसाफ के लिए नहीं।
जनता ये समझती है कि उनकी(राहुल गांधी) हाथरस की तरफ कूच राजनीति के लिए है, इंसाफ के लिए नहीं: राहुल गांधी के आज हाथरस जाने पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी #HathrasCase pic.twitter.com/gnyAMPjT9R
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2020
हाथरस गैंगरेप मामले में तेज होती राजनीति के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने शनिवार को एक प्रेंस कांफ्रेंस की है। उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है कि सीएम योगी आदित्यनाथ इस मामले में न्याय करेंगे। बता दें कि हाथरस गैंगरेप मामले में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी की चुप्पी पर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा था।
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स्मृति इरानी ने वाराणसी में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल गांधी राजनीति के लिए हमेशा प्रयासरत रहे हैं लेकिन राष्ट्रनीति में सफल नरेंद्र मोदी रहे हैं। मुझे लगता है कि स्वतंत्र देश ने जनता कांग्रेस के हथकंडों को भलीभांति समझा है। कोई भी नेता किसी भी विषय में राजनीति करना चाहता है तो मैं उसे रोक नहीं सकती है लेकिन जनता समझती है कि हाथरस में कूच उनकी अपनी राजनीति के लिए है न कि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए।’
संवैधानिक मर्यादा के चलते मैं किसी प्रदेश के मामले में दखल नहीं देती
हाथरस मामले को लेकर स्मृति इरानी ने कहा कि अपनी संवैधानिक मर्यादा के चलते मैं किसी प्रदेश के मामले में दखल नहीं देती, लेकिन हां मैंने सीएम योगी आदित्यनाथ ने बात की है। मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है। कल एसपी के खिलाफ कार्रवाई हुई है। एसआईटी की रिपोर्ट आने दीजिए। उसके बाद जिन लोगों ने हस्तक्षेप किया या जिन लोगों ने पीड़िता को न्याय न मिल पाए इसकी साजिश की है, उनके खिलाफ योगी सख्त कार्रवाई करेंगे।
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स्मृति इरानी ने कहा कि राहुल गांधी को गहलोत को भी कॉल करना चाहिए
वहीं अशोक गहलोत के बयान पर स्मृति इरानी ने कहा कि ‘उनका यह कहना कि लड़की अपनी मर्जी से गई थी, यह बयान निंदनीय है। राहुल गांधी को गहलोत को भी कॉल करना चाहिए।’
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स्मृति इरानी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने कल मेरे लिए विशेष टिप्पणी की कि संयुक्त राष्ट्र में मुझे अपने देश के खिलाफ बयान देना चाहिए था। मैं बताना चाहती हूं कि वहां मैं एक मंत्री के नाते नहीं बल्कि भारतीय के रूप में गई थी। कांग्रेस चाहती थी कि मैं अपने देश के खिलाफ बोलूं, मेरे लिए ऐसी कल्पना भी राष्ट्रदोह से कम नहीं। ये विपक्ष की अपनी मर्यादा है। जब से मैंने अमेठी में कूच किया था, मुझे पता था कि जीवन भर उनके निशाने पर रहूंगी।