बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लॉकडाउन के दौरान बाहर फंसे श्रमिकों को वापस राज्य लाने में रेलवे की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि विशेष रेलगाड़ियों के परिचालन से 23 लाख से अधिक मजदूर बिहार लौट पाए।
श्री कुमार ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोसी रेल महासेतु समेत 12 रेल परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान बाहर फंसे श्रमिकों को बिहार वापस लाने में रेलवे ने काफी मदद की है। विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन कराया गया, जिससे 23 लाख से ज्यादा श्रमिक बाहर से बिहार आए। उन्होंने एक बार फिर श्रमिकों के लिए प्रवासी शब्द का प्रयोग नहीं किए जाने का आग्रह किया और कहा कि ये सभी देश के वासी हैं । देश में आजीविका के लिए कोई भी कहीं आ जा सकता है ।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी महासेतु का शिलान्यास पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 06 जून 2003 को हुआ था। इसके लिए उन्होंने कोसी महासेतु के दोनों तरफ संपर्क पथ के लिए स्थल का मुआयना कर लोगों से बातचीत की थी। पूर्व-पश्चिम एलाइन्मेंट भी कोसी महासेतु के पास ही तय किया गया है। वह दिन इसलिये भी ऐतिहासिक है क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी से मैथिली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की थी, जिसकी घोषणा श्री वाजपेयी ने उसी दिन की थी।
श्री कुमार ने कहा कि 12 अगस्त 2018 के रेल मंत्री के कार्यक्रम में वह भी शामिल हुए थे, जिसमें रेल मंत्री ने इस कार्य को तेजी से पूर्ण करने का अधिकारियों को निर्देश भी दिया था। उन्हें प्रसन्नता है कि आज प्रधानमंत्री इस इस महासेतु का उद्घाटन कर रहे हैं। आज हाजीपुर से वैशाली नई रेल लाईन की भी शुरुआत की जा रही है, जिसे सुगौली तक जोड़ने की योजना है। सुगौली भी ऐतिहासिक जगह है, जहां भारत और नेपाल के बीच वार्ता हुई थी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 फरवरी 2004 को वैशाली में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी ने ही इसका शिलान्यास किया था। इसके एक हिस्से का काम पूर्ण हुआ है जिसका आज उद्घाटन हो रहा है। इसे सुगौली तक भी पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में रेलवे की कई योजनाओं का शिलान्यास हो रहा है, ये उनके लिए प्रसन्नता की बात है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और बख्तियारपुर के बीच तीसरी रेलवे लाइन का उद्घाटन हो रहा है। यह भी खुशी की बात है।
श्री कुमार ने कहा कि श्री वाजपेयी की सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे पी. आर. कुमार मंगलम ने बिहार में बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए उनसे स्थल के बारे में पूछा था और उसके आधार पर बाढ़ में एनटीपीसी विद्युत संयंत्र की स्थापना की गई। बाढ़ तक नई रेल लाइन से एनटीपीसी को कोयले की उपलब्धता में आसानी होगी। इसके लिए हजारीबाग कोयला खादान के पास से तय रूट हजारीबाग-कोडरमा-तिलैया-राजगीर-बख्तियारपुर-बाढ़ से कोयले की ढुलाई में आसानी होगी। उन्होंने जुरही-खुराडीह सेक्शन में चार सुरंगों के निर्माण कार्य जल्द पूरा कराए जाने का अग्रह करते हुए कहा कि इससे कोयले की निर्बाध आपूर्ति हाे सकेगी।