उत्तर प्रदेश की मथुरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड केस में 11 पुलिसकर्मियों को में दोषी करार करते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। उम्र कैद के साथ ही सभी दोषियों पर को 10-10 हजार का जुर्माना भी देना होगा।
बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्याकांड में मंगलवार को मथुरा डिस्ट्रिक्ट जज साधना रानी ने 11 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद सजा सुनाते हुए दोषियों के 10-10 हजार के जुर्मान राशी राजस्थान सरकार को देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने तीनों मृतकों के परिजनों को 30-30 हजार रुपए और घायल चार लोगों को दो-दो हजार देने के निर्देश दिए हैं।
आपकों बता दें कि राजस्थान पुलिस ने 21 फरवरी 1985 को मुठभेड़ में भरतपुर के राजा मानसिंह और उनके दो साथियों ठाकुर सुम्मेर सिंह व हरी सिंह की हत्या कर दी थी। यह बहुचर्चित मुकदमा 35 साल से चल चल रहा है। मथुरा डिस्ट्रिक्ट जज साधना रानी ठाकुर ने मंगलवार को फैसला सुनाते 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया और तीन अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। फैसले के बाद सभी 11 दोषियों को कड़ी सुरक्षा में अस्थाई जेल भेज दिया गया।
राजा मानसिंह हत्याकांड में दोषी पुलिसकर्मी को उम्रकैद
- कान सिंह भाटी, सीओ
- वीरेन्द्र सिंह, एसएचओ
- रवि शेखर, एएसआई
- छत्तर सिंह, कांस्टेबल
- पदमा राम, कांस्टेबल
- जगमोहन, कांस्टेबल
- सुखराम, कांस्टेबल
- जीवन राम, कांस्टेबल
- हरि सिंह, कांस्टेबल
- तेर सिंह, कांस्टेबल
- भंवर सिंह, कांस्टेबल
इन पुलिसकर्मियों को राहत
मथुरा डिस्ट्रिक्ट जज साधना रानी ठाकुर ने तीन पुलिसकर्मियों को बरी किया है। इनमें से किसी पर भी हत्या का आरोप नहीं था। इन्हें CBI ने अपनी जांच में कागजों में हेराफेरी करने का आरोपी बनाया था। इनमें निरीक्षक कान सिंह सिरवी, जीडी लेखक हरी किशन व गोविंद प्रसाद आरोपी थे।
बहुचर्चित राजा मानसिंह एनकाउंटर का सच
1985 में राजा मानसिंह राजस्थान विधानसभा चुनाव में भरतपुर की डीग विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी थे उनके विपक्ष में कांग्रेस की सीट पर बिजेन्द्र सिंह चुनाव लड़ रहे थे। राजस्थान में उस समय कांग्रेस की सरकार थी तथा शिवचरण माथुर मुख्यमंत्री थे। 20 फरवरी 1985 को डीग की अनाज मण्डी में चुनावी सभा थी, यहां सभा में राजा मानसिंह की रियासत के शाही झण्डे लगे हुए थे कांग्रेसियों ने उनके झण्डे फाड़ दिये, इससे नाराज राजा मानसिंह अपनी जोंगा जीप लेकर हैलीपैड पर पहुंच गये तथा जीप की टक्कर से मुख्यमंत्री का हैलीकाप्टर क्षतिग्रस्त करते हुए दूसरी टक्कर से सभा के मंच को भी तोड़ डाला।
उक्त मामले में राजा मानसिंह के विरुद्ध दो मुकदमे पंजीकृत किये गये। इसके उपरान्त दूसरे दिन 21 फरवरी को राजा मानसिंह अपने समर्थकों के साथ अनाज मण्डी जाने के लिए डीग थाने के सामने से गुजर रहे थे पुलिस रिकार्ड के अनुसार सीओ मानसिंह भाटी और उनके साथ मुस्तैद अन्य पुलिसकर्मियों ने राजा मानसिंह को रोकने का इशारा किया लेकिन राजा नहीं रुके तो सीओ के ड्राईवर ने जीप अड़ाकर उन्हें रोकना चाहा इससे वहां संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई और संघर्ष के दौरान पुलिस द्वारा चलाई गई गोलियों से राजा मानसिंह व उनके दो साथी ठाकुर सुमेर सिंह और हरीसिंह की मौत हो गई।