जयपुर। राजस्थान के 21 जिलों में 4371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव में भाजपा के 1835 उम्मीदवार जीते हैं, जबकि कांग्रेस के 1718 उम्मीदवारों को जीत मिली। राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि निर्दलीय 420 व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) को 56 जगहों पर विजयी प्राप्त हुई है। बाकी सीटों के आधिकारिक परिणाम अभी आने हैं।
इसी तरह जिला परिषद सदस्यों के चुनाव में कांग्रेस 204, भाजपा 266 व आरएलपी पांच सीटों पर जीती है। कुल 636 जिला परिषद सदस्यों के लिए चुनाव हुए हैं। बाकी सीटों के परिणाम अभी आने हैं। सीकर जिले के फतेहपुर सदर थाना क्षेत्र में मंगलवार को पंचायत चुनाव में जीत के बाद निकल रहे जुलूस के दौरान दो पक्षों में हुई झड़प में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दस अन्य लोग घायल हो गये।
Stock Market : सेंसेक्स 46 हजार के पार, निफ्टी 13500 के ऊपर, रिकॉर्ड तोड़ बढ़त
टोंक पंचायत समिति में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला और तीन निर्दलीय उम्मीवारों ने जीत दर्ज की है जो यहां बोर्ड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कांग्रेस नेता और टोंक के विधायक सचिन पायलट को बोर्ड बनाने के लिए समर्थन दिया है। कुल 19 सीटों में से कांग्रेस ने 7 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि भाजपा ने 9 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
Operation Cactus Lilly के जरिए सामने आया था आज का आजाद बांग्लादेश
प्रवक्ता ने बताया कि जिला मुख्यालयों पर यह मतगणना सुबह नौ बजे शुरू हुई थी। इस गणना से 636 जिला परिषद सदस्यों के लिए 1778 उम्मीदवारों व 4371 पंचायत समिति सदस्यों के लिए 12663 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पंचायती चुनाव में भाजपा की जीत पर कहा कि पंचायती राज चुनावों के ये परिणाम वास्तव में कांग्रेस सरकार के झूठ, फऱेब, दम्भ व अहंकार की पराजय है तथा यह जीत केन्द्र की मोदी सरकार पर जनता के विश्वास की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि पंचायती राज चुनाव के परिणाम इस भ्रष्ट सरकार की विदाई का एक निश्चित संकेत है। राजस्थान के 21 जिलों में कुल 636 जिला परिषद सदस्यों और 4,371 पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के लिए अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, चुरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालोर, झालावाड़, झुंझुनू, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर में मतदान 23 और 27 नवंबर और एक और पांच दिसंबर को चार चरणों हुआ था।