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राष्ट्रपति पर आम सहमति बनाने की कवायद तेज, बीजेपी ने इन दिग्गजों की दी जिम्मेदारी

president election

नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव (President Election) के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से विपक्ष को साधने की कवायद तेज हो गई है। बीजेपी की ओर से पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जिम्मेदारी मिली है कि वो सभी विपक्षी दलों के साथ विचार-विमर्श करें। भारतीय जनता पार्टी ने इन दोनों नेताओं को एनडीए, यूपीए और गैर यूपीए दलों के साथ सामंजस्य बनाने के लिए जिम्मेदारी दी है।

बता दें कि चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव (President Election) के तारीख का ऐलान कर दिया है। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नए राष्ट्रपति मिल जाएंगे। 29 जून नामांकन की आखिरी तारीख होगी।

ममता बनर्जी ने भी बुलाई मीटिंग

वहीं राष्ट्रपति चुनाव (President Election) को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने 15 जून को विपक्षी दलों की एक मीटिंग बुलाई है। उन्होंने इसमें गैर एनडीए दलों और विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया है। यह कॉन्फ्रेंस कांस्टीट्यूशन क्लब में होगी। जिन प्रमुख नेताओं को इसमें बुलाया गया है इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, उद्धव ठाकरे सहित विपक्ष के तमाम नेताओं के नाम शामिल हैं।

वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर बतानी होगी पसंद

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया था कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। चुनाव में वोटिंग के लिए विशेष इंक वाला पेन मुहैया कराया जाएगा। वोट देने के लिए 1,2,3 लिखकर पसंद बतानी होगी। पहली पसंद ना बताने पर वोट रद्द हो जाएगा। कल होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए भी चुनाव आयोग कलम देगा।

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राज्यसभा के महासचिव होंगे चुनाव प्रभारी

वहीं, इस दौरान राजनीतिक दल कोई व्हिप नहीं जारी कर सकते हैं। संसद और विधानसभाओं में वोटिंग होगी। राज्यसभा के महासचिव चुनाव प्रभारी होंगे। इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के भी निर्देश दिए गए हैं।

कौन चुनता है राष्ट्रपति

बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (ram nath kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है। पिछली बार 17 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति चुनाव हुए थे। राष्ट्रपति को चुनने के लिए आम लोग वोटिंग नहीं करते। इसके लिए जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि और उच्च सदन के प्रतिनिधि वोट डालते हैं। जैसे दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालेंगे।

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