कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के तहत छह फरवरी के राष्ट्रव्यापी चक्का जाम कार्यक्रम में मामूली बदलाव किया गया है। किसान आंदोलन से जुड़े नेताओ ने अब उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड को छोड़ देशभर में चक्का जाम करने की घोषणा की है।
आंदोलनकारी किसान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जिला मुख्यालय स्तर पर ज्ञापन देने का काम करेंगे। इस बात की घोषणा भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बैठक के बाद की।
श्री राकेश टिकैत और किसान आंदोलन संघर्ष मोर्चा के नेता बलबीर सिंह के बीच शुक्रवार की दोपहर गाजीपुर बॉर्डर पर एक बैठक हुई जिसमें छह तारीख की घोषणा को लेकर विस्तृत चर्चा और कार्य योजना पर विचार विमर्श किया गया। करीब दो घंटे चली बैठक के बाद किसान मोर्चा ने घोषणा करते हो बताया की देश के विभिन्न इलाकों में छह तारीख को परीक्षा और अन्य कार्यक्रम हैं।
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ऐसे में बंद का आवाहन करने से छात्रों और जन सामान्य को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इन सब बातों पर विचार विमर्श करने के लिए किसान आंदोलन संघर्ष मोर्चा के नेता बलवीर सिंह और राकेश टिकैत ने गाजीपुर बार्डर पर बैठक की।
बैठक के बाद शुक्रवार को राकेश टिकैत ने इस संबंध में बताया कि हरियाणा और पंजाब में गेहूं की कटाई लगभग अंतिम चरण में है वहां बंद का आवाहन पूर्व की भांति जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश में बंद का आह्वान नहीं करने का निर्णय लिया गया है।
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श्री टिकैत ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उत्तर प्रदेश उत्तराखंड में गेहूं की कटाई अभी नहीं हुई है ऐसे में किसान को थकाना नहीं है किसान की ऊर्जा बनी रहे और वह क्रमवार आंदोलन में अपना योगदान भी देते रहे। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर दिए जाने वाले ज्ञापन में स्थानीय मुद्दे, एमएसपी पर कानून और कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही जाएगी।