कोरोना महामारी में सुधार के साथ ही किसान नेताओं ने अपने आंदोलन को और मजबूत करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। किसान आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे भारतीय किसान संघ (भाकिउ) के नेता राकेश टिकैत का बुधवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात का कार्यक्रम है।
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब ममता बनर्जी बंगाल के बाहर अपनी राजनीतिक जमानत कराने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वहीं राकेश टिकैत भी किसान आंदोलन को निर्णायक दिशा में ले जाना चाहते हैं।
कोरोना की दूसरी लहर ने संक्रमण के मामलों को तेज कर दिया, जिसका किसानों के आंदोलन पर थोड़ा असर पड़ा, लेकिन अब स्थिति में सुधार हुआ है, टिकैत चाहते हैं कि आंदोलन फिर से तेज हो। ममता बनर्जी नए कृषि कानूनों के खिलाफ मुखर रही हैं और उन्होंने किसान आंदोलन का भी समर्थन किया है। राकेश टिकैत उनसे जुड़कर आंदोलन को पुनर्जीवित करना चाहते हैं।
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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अपनी स्थापना के बाद से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आक्रामक रही हैं। उन्होंने दिल्ली सीमा पर किसान आंदोलन को भी अपना समर्थन दिया था और समय-समय पर किसान आंदोलन के समर्थन में आवाज उठाते रहे हैं। इतना ही नहीं टीएमसी के तमाम सांसद दिल्ली बॉर्डर पर भी पहुंच गए थे जहां पिछले साल नवंबर से किसान धरने पर बैठे हैं।
मोदी को हटाना ममता का मकसद
यूपीए के नेतृत्व के सवाल पर ममता बनर्जी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पीएम मोदी को हटाना मेरा मकसद है। उन्होंने ये बयान किसान नेता राकेश टिकैत से की मुलाकात के बाद दिया।