अयोध्या। राम मंदिर में रामलला (Ramlala) की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान होंगे। प्राण प्रतिष्ठा में जिस जल से रामलला (Ramlala) का अभिषेक किया जाएगा, वो जल नेपाल (Nepal) की पवित्र नदियों से लाया गया है। नेपाली श्रद्धालुओं ने जनकपुर से जल लाकर राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंप दिया है।
नेपाल से आए श्रद्धालुओं ने 16 पवित्र नदियों के जल का कलश लाकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव को सौंप दिया है। इसके लिए चंपत राय ने उन श्रद्धालुओं को धन्यवाद दिया है। इस जल को पवित्र यज्ञशाला में रख दिया गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में इस जल का उपयोग किया जाएगा।
16 जनवरी से शुरू हो जाएगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह
बता दें कि 7 दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से शुरू होगा। 16 जनवरी को विष्णु पूजा एवं गोदान होगा। इसके बाद 17 जनवरी को रामलला की मूर्ति को नगर भ्रमण के लिए ले जाया जाएगा और राम मंदिर ले जाया जाएगा। 18 जनवरी भगवान गणेश का पूजन होगा। साथ ही वरुण देव पूजा और वास्तु पूजा भी होगी।
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19 जनवरी को हवन अग्नि प्रज्वलित की जाएगी और हवन किया जाएगा। 20 जनवरी को वास्तु पूजा होगी। 21 जनवरी को राम लला की मूर्ति को पवित्र नदियों के पवित्र जल से स्नान कराया जाएगा। जबकि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भव्य आयोजन किया जाएगा।
22 जनवरी को होगी प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त होगा, जिसमें रामलला (Ramlala) की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने ये मुहूर्त चुना है। ये शुभ मुहूर्त का यह क्षण 84 सेकंड का मात्र होगा जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा।