माघ मास की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहते हैं. इस दिन स्नान और दान का काफी महत्व मना जाता है. इस बार 21 जनवरी को मौनी अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा. इस बार 30 वर्षों के बाद मौनी आमवस्या पर दुर्लभ संयोग बन रहा है. मौनी अमावस्या इस बार शनिवार को पड़ रही है जिसके कारण शनि अमावस्या भी उस दिन मनाई जाएगी.
इसके अलावा, मकर राशि में सूर्य और शुक्र की युति खप्पड़ योग भी बना रहा है. ऐसे में इस दिन स्नान, दान और भगवान भास्कर की पूजा से लोगों को शनि पीड़ा से मुक्ति भी मिलेगी. इसके अलावा लोगों के सारे बिगड़े काम भी बनने लगेंगे.
काशी के विद्वान और ज्योतिषविद पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस बार मौनी अमावस्या सूर्य के नक्षत्र उत्तराषाढ़ा में पड़ रही है. इस दिन सूर्य, शनि, शुक्र और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे और चार ग्रहों का अद्भुत संयोग रहेगा. जो विशेष फलदायी होगा. इस दिन गंगा और संगम में स्नान से मनुष्य को सारे पापों से मुक्ति मिलेगी.
भगवान भास्कर को इस तरह करें प्रसन्न
इसके अलावा, इस दिन गुण, तिल और कंबल के दान से शनि संबंधित पीड़ा से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी. इस दिन त्रिवेणी यानी प्रयाजराज के संगम में स्नान करना विशेष पुण्य के प्राप्ति वाला दिन होता है. इस अवसर पर जो भी मनुष्य मौन होकर त्रिवेणी में स्नान करता है भगवान उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.
जो व्यक्ति इस दिन त्रिवेणी में स्नान नहीं कर पाता, वो गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करता है और फिर ब्राह्मण या जरूरतमंदों को दान करता है. भगवान भाष्कर उसकी भी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.