करवा चौथ का चांद वैसे तो हर व्रती महिला के लिए फलदायी होता है, लेकिन इस बार चंद्रोदय पर बनने वाला ग्रहों का दुर्लभ संयोग इसे और भी खास बना रहा है।
ज्योतिष के अनुसार इस बार रोहिणी नक्षत्र में करवा चौथ की पूजा की जाएगी। वहीं चंद्रोदय भी इसी समय में होगा। रोहिणी चंद्रमा की पत्नी हैं। वहीं आज रविवार का दिन होने की वजह से सूर्य देव की भी कृपा प्राप्त होगी।
अति उत्तम है ये नक्षत्र
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में व्रत करना अत्यंत उत्तम होता है। वहीं करवा चौथ के दिन आज रविवार है, इस वजह से सूर्यदेव का भी व्रती महिलाओं को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से चौथा नक्षत्र होता है, जिसका स्वामी चंद्रमा है।
आठ साल बाद करवा चौथ पर बन रहा खास संयोग, नोट करें चांद निकलने का समय
रोहिणी प्रजापति दक्ष की पुत्री और चंद्रमा की 27 पत्नियों में से एक हैं। रोहिणी बहुत सुंदर, सौम्य, संवेदनशील, तेजस्वी रूप धारी तथा चन्द्र को अन्य सभी पत्नियों की अपेक्षा में सबसे प्रिय हैं। कहा जाता है कि जब भी चंद्रदेव रोहिणी के करीब होते हैं तब चंद्रमा का निखार अपने चरम पर होता है।
शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में चांद निकलेगा और पूजन होगा। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल 24 अक्टूबर 2021, रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। इस दिन चांद निकलने का समय 8 बजकर 11 मिनट पर है। पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2021 को शाम 06:55 से लेकर 08:51 तक रहेगा।
करवा चौथ व्रत की पूजा विधि
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें। इसके बाद सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें, पानी पीएं और गणेश जी की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। इसके बाद शाम तक न तो कुछ खाना और नाहीं पीना है। पूजा के लिए शाम के समय एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवा रखें। एक थाली में धूप, दीप, चन्दन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं। पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर दें। इसके बाद चांद के दर्शन कर व्रत खोलें।