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लाइट एंड साउंड शो के जरिये मिलेगा रासलीला का आनंद

कान्हा नगरी मथुरा में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश व्रज तीर्थ विकास परिषद ने दो स्थानों पर ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। इस कार्यक्रम में लगभग 15 करोड़ रूपये का व्यय होने का अनुमान है।

दीपावली तक इस कार्यक्रम को अमली जामा पहनाया जा सकता है। यह कार्यक्रम मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और गोवर्धन में कुसुम सरोवर पर आयोजित किया जाएगा। सरकार मथुरा कों पर्यटन की दृष्टि से इस प्रकार बना रही है कि आगरा जाने वाला पर्यटक एक रात यहां पर बिताने के लिए मजबूर हो जाय। सरकार का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के यहां आने से न केवल पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।

परिषद के सीईओ नागेन्द्र प्रताप ने शनिवार को पत्रकारों को बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लिए तीन फर्मो एवं कुसुम सरोवर के लिए दो फर्मों द्वारा इसका प्रेजेंटेशन परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र द्वारा गठित समिति के सामने हाल में ही श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दिया जा चुका है तथा यह कार्यक्रम तीन माह में शुरू हो जाएगा। इस कार्यक्रम में कृष्ण और राधा के प्रसंग का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा साथ ही कोयल की कू कू और मोर के नृत्य की मोहक आवाज के साथ साथ अन्य प्राकृतिक छटा भी प्रस्तुत की जाएगी।

उन्होंने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लीला मंच से भागवत भवन की इमारत पर यह ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगां। सीईओ के अनुसार श्रीकृष्ण जन्मस्थान की परियोजना पर 943 लाख एवं कुसुम सरोवर की परियोजना पर 526 लाख खर्च आएगा।

कुसुम सरोवर वह पावन स्थल है जहां पर राधारानी नित्य कुसुम के फूल को चुनने जाती थीं तथा यहां पर कान्हा ने उनकी वेणी गूंथी थी। इस पावन स्थल पर मनमोहक छतरियों का निर्माण 1764 में भरतपुर रियासत के जाट राजा जवाहर सिंह ने अपने पिता सूरजमल और मां किशोरी रानी की स्मृति में बनवाया था।इसकी सुन्दरता एवं भव्यता ताजमहल से किसी रूप में कम नही है।

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