लखनऊ। यूपी में अब राशन कार्ड धारकों को मुफ्त में बाजरा (Millet) भी मिलेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस बाबत फैसला किया है। फरवरी से चावल और गेहूं के साथ बाजरा भी दिया जाएगा। हालांकि, गेहूं और चावल की मात्रा को कम करके बाजरे को शामिल किया जाएगा। इस बदलाव के पीछे श्रीअन्न (Millets) को बढ़ावा देने के तौर पर देखा जा रहा है।
यूपी खाद्य विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। इसके तहत फरवरी से निःशुल्क मिलने वाले राशन में चावल और गेहूं की मात्रा को कम करते हुए, उसमें बाजरे (Millet) को शामिल किया गया है। अभी तक लाभार्थियों को हर महीने 35 किलोग्राम राशन में 14 किलोग्राम गेहूं और 21 किलोग्राम चावल दिया जाता है। नए आदेश के बाद फरवरी से 14 किलोग्राम गेहूं, 10 किलोग्राम बाजरा और 11 किलोग्राम चावल दिया जाएगा।
आजतक से बातचीत में उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद मंत्री सतीश शर्मा ने कहा कि सरकार की सोच श्री अन्न को बढ़ावा देने की है। यूपी में बाजरा और मक्का जैसे श्री अन्न का उत्पादन भी बढ़ा है। सरकार बढ़े समर्थन मूल्य पर किसानों से पैदावार खरीद रही है। बाजरा जैसे श्री अन्न को मुख्यधारा में लाते हुए राशन की योजना में 10 किलो बाजरा देने का फैसला किया गया है।
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इस मामले पर अपर आयुक्त जीपी राय ने सभी जिला पूर्ति अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है। आदेश में कहा गया है कि भारत सरकार के खरीफ विपणन साल 2023-24 में मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत 50 हजार मी. टन. मक्का, 30 हजार मी. टन. ज्वार और 50 हजार मी. टन. बाजरा टीपीडीएस और वेलफेयर योजना के तहत खरीदने की अनुमति दी गई है। इसके अंतर्गत एनएफएसए योजना में जनवरी माह के आवंटन में 25 हजार मी. टन. चावल कम करते हुए 25 हजार मी.टन. बाजरा वितरण की अनुमति दी गई है।
दूसरी तरफ इस योजना पर लोगों का मानना है कि बाजरा जैसे श्री अन्न को बढ़ावा देने का कदम अच्छा है। खास तौर पर मक्का, बाजरा जैसे अनाज भारत के परंपरागत अनाज हैं। मुफ्त राशन में इसे शामिल करने की पहल अच्छी है। इससे लोगों के स्वास्थ्य को फायदा होगा। हालांकि, सरकार चावल की मात्रा को कम करने के बजाय बाजरा की मात्रा को और बढ़ा सकती थी।