अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेन्द्र गिरी के ब्रह्मलीन होने के बाद से खाली चल रहे पद के लिए सोमवार को बाघम्बरी गद्दी में हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में रवीन्द्र पुरी महाराज के नाम की घोषणा कर दी गई। रवीन्द्र पुरी महाराज श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के सचिव हैं।
अखाड़ा परिषद के नियमानुसार रवीन्द्र पुरी महाराज की आज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के पद पर ताजपोशी की गई। बैठक में जूना अखाड़े के महन्त हरिगिरी जी महाराज, निरंजनी, अग्नि और आहवाहन अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने समर्थन किया है। आनन्द और नया उदासीन अखाड़े ने भी रवीन्द्र पुरी के नाम पर समर्थन किया है। दावा किया जा रहा है कि निर्मल अखाड़े के बागी गुट और निर्मोही अनि अखाड़े के सचिव मदन मोहन दास ने पत्र भेजकर समर्थन किया है।
श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के बाघम्बरी गद्दी परिसर में सोमवार सुबह लगभग ग्यारह बजे बैठक शुरू हुई। बैठक में कुल आठ अखाड़ों के प्रतिनिधियों के समर्थन का दावा मिला है। जूना अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा, आह्वाहन अखाड़ा, नैया अखाड़ा, आनन्द अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा एवं उर्मी अखाड़ा शामिल हैं।
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अखाड़ा परिषद के नियमानुसार जिस अखाड़े की तरफ से पद खाली होता है, उसी अखाड़े के सदस्य को नियुक्त किया जाता है। ब्रह्मलीन महंत नरेन्द्र गिरी श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के सचिव थे। हरिद्वार में 21 अक्टूबर को सात अखाड़ों के समर्थन का दावा करते हुए अखाड़ा परिषद के नई कार्यकारिणी के गठन की घोषणा की गई। हालांकि वैष्णव के तीनों अनी अखाड़े बैठक से पूरी तरह दूरी बनाए हुए हैं।
अखाड़ा परिषद की जिम्मेदारी का करूंगा निर्वाहनः रवीन्द्र पुरी
नव नियुक्त अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवीन्द्र पुरी महाराज ने बताया कि हमें जो जिम्मेदारी दी गई है। उसे मैं जिम्मेदारी के साथ अखाड़ों का विकास करूंगा। हम साधु सन्त हैं। किसी बात को लेकर जिन अखाड़ों से मतभेद है, उस पर बातचीत करके एक साथ लाने के लिए पूरा प्रयास करेंगे।