नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक ने शुक्रवार को संकटग्रस्त पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर लगे प्रतिबंधों को तीन महीने और आगे बढ़ा दिया है। सितंबर, 2019 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस अंतरराज्यीय शहरी कोऑपरेटिव बैंक के बोर्ड को बर्खास्त कर दिया था और विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं, रियल एस्टेट डेवलपर एचडीआईएल को दिये लोन को छिपाने और उसका गलत विवरण देने का पता चलने के बाद इस पर विभिन्न नियामक प्रतिबंध लगा दिये थे।
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बैंक पर लगे प्रतिबंध अब 31 मार्च 2021 तक जारी रहेंगे। साथ ही आरबीआई ने कहा कि ईओआई के जवाब में उसे चार प्रस्ताव मिले हैं। बैंक जमाकर्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए इन प्रस्तावों की समीक्षा करेगा। आरबीआई ने कहा कि इस प्रक्रिया को पूरा करने में बैंक को कुछ और समय लगेगा। सितंबर, 2019 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने इस अंतरराज्यीय शहरी कोऑपरेटिव बैंक के बोर्ड को बर्खास्त कर दिया था और विभिन्न वित्तीय अनियमितताओं, रियल एस्टेट डेवलपर एचडीआईएल को दिये लोन को छिपाने और उसका गलत विवरण देने का पता चलने के बाद इस पर विभिन्न नियामक प्रतिबंध लगा दिये थे।
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प्रतिबंध लगाने के बाद आरबीआई ने जमाकर्ताओं को 1,000 रुपये की निकासी की अनुमति दी थी, जिसे बाद में प्रति अकाउंट एक लाख रुपये कर दिया गया था। इसके बाद इस साल जून में आरबीआई ने कोऑपरेटिव बैंक पर नियामकीय प्रतिबंधों को अगले छह महीने 22 दिसंबर, 2020 तक के लिए बढ़ा दिया था। इस साल मार्च महीने की 31 तारीख को पीएमसी बैंक के पास कुल जमा राशि 10,727.12 करोड़ रुपये थी और कुल एडवांस राशि 4,472.78 करोड़ रुपये थी। वहीं, उस समय बैंक का सकल एनपीए 3,518.89 करोड़ रुपये था।