रामपुर। (मुजाहिद खान): उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी में 14/15 अप्रैल 2008 में परिवार के सात सदस्यों को प्रेमी सलीम के साथ मिलकर मौत के घाट उतारने वाली शबनम से मुलाकात करने आज उसका बेटा रामपुर पहुंचा। उसके साथ उसको गोद लेने वाले उस्मान और वंदना सिंह भी मौजूद रहे। तीनों शबनम से मुलाकात करने जिला कारागार के अंदर गए और क़रीब 1 घण्टा जेल में गुजारा। जेल से वापस आने पर शबनम के बेटे ने बताया कि मम्मी ने कहा है अच्छे से पढ़ना और कुछ मत करना। इसके अलावा कहा कि राष्ट्रपति अंकल को भी दया याचिका दी है और कहा है मेरी मम्मा को माफ कर दीजिए उन्हें फांसी न हो।
वहीं केयरटेकर उस्मान ने कहा ताज को मेरे साथ 5 साल 6 महीने से ज़्यादा हो गए हैं। उस्मान ने कहा इन 5 सालों में शबनम से पहली बार पूछा कि यह जिन गुनाहों के लिए फाँसी की सज़ा हुई है यह गुनाह तुमने किया है सच क्या है तो शबनम ने कहा मैंने ऐसा कुछ नहीं किया यहां मुझे फंसाया गया है और कोर्ट में भी पहले सीबीआई जांच की माँग की है लेकिन बात सुनी ही नहीं गई। न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाना बहुत बड़ी बात है।
उस्मान ने कहा शबनम को मीडिया से बात करने की इजाज़त दी जाए। जिससे क्या सच है क्या झूठ सामने आए। शबनम के बेटे की परवरिश पर उस्मान ने कहा ताज बुलंद शहर के अच्छे स्कूल में पढ़ रहा है और उसका पूरा ख्याल रखते हैं। शबनम के बेटे को मीडिया के सामने लाने पर कहा जिसके बारे में 5 साल तक नहीं पता ताज कौन है वो इन तीन दिनों में दुनिया को पता चल गया। जिसके लिए उस्मान ने मीडिया पर आरोप लगाए, हालांकि गोद लेने वाले उस्मान और वंदना सिंह ने अपने आवास पर मीडिया को बुलाकर ताज का बयान कराया था और राष्ट्रपति से शबनम की फाँसी पर दया याचिका की तख़्ती देकर शबनम के बेटे को मीडिया के सामने पर पेश किया था।
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बेटे को उसकी माँ शबनम होने की जानकारी पर उस्मान ने कहा ताज 6 साल 7 महीने और 21 दिन जेल में रहा है उसको पता था आज कल की जेनरेशन के बच्चे सब जानते हैं और सब पता रखते हैं। कहा मीडिया में उसे फाँसी लगने की ख़बर से वो घबरा गई और बेटा भी परेशान था, इसलिए मुलाक़ात कराई गई,दोनो के मिलने के बाद तसल्ली मिली है। लेकिन मौत की खबर से परेशान है और चाहती है उसे इंसाफ मिले। कहा वह कॉलेज में शबनम के साथ पढ़े हैं सिर्फ इतनी ही जान पहचान थी। उसके बेटे को कोई भी गोद ले सकता था। कहा हमारे कोई औलाद नहीं है सिर्फ यही बच्चा है। न ही हमें उसकी सम्पत्ति से कोई लालच है।
अमरोहा के बावनखेड़ी में 7 परिजनों की हत्या में शबनम को फांसी की सजा मिल चुकी है। जिसकी दया याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के यहां से खारिज हो चुकी है। 3 दिन पहले पुनः रामपुर जेल अधीक्षक को अधिवक्ता के माध्यम से राज्यपाल से सम्बंधित दया याचिका का प्रार्थना पत्र दिया गया था।
जबकि जुलाई 2019 से वह रामपुर की जेल में है। इन दिनों उसकी फांसी की तैयारी मथुरा जेल में चल रही है। हालांकि अभी उसका डेथ वारंट जारी नहीं हुआ है जिसका जेल प्रशासन को इंतेज़ार है।
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वहीं सरकार की ओर से जेल में कैदियों से मिलाई पर पाबंदी है, लेकिन विशेष परिस्थितियों की वजह से ताज को उसकी माँ शबनम से मिलने की इजाज़त दी गई।
जबकि लोगों का आरोप है कि सरकार की तरफ से तो मिलाई पर पाबंदी है लेकिन पूर्ण रूप से भ्र्ष्टाचार में लिप्त जेल प्रशासन और स्टाफ से लेनदेन कर सभी काम किए जा सकते हैं और कोविड-19 प्रोटोकॉल के खुले उलंघ्न के साथ दलाली प्रथा और दलालों की आवाजाही पर खुली छूट है?