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भाजपा की केन्द्र से विदाई के लिये हर समझौते को तैयार: अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav

नयी दिल्ली / लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने शनिवार को कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का मकसद अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को केन्द्र की सत्ता से बेदखल करना है और इसके लिये वह कोई भी समझौता करने को तैयार हैं।

श्री यादव (Akhilesh Yadav) ने यहां एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में शिरकत करते हुये कहा, “ विपक्षी गठबंधन का उद्देश्य भाजपा को केन्द्र की सत्ता से हटाना है। इसके लिये सभी दल एकजुट हैं। हमारे साथ जितने भी दल हैं , वे सभी अपने-अपने राज्यों में ताकतवर हैं। सीट एडजेस्टमेंट या संयोजक का चुनाव कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। फिलहाल बड़ा मुद्दा केन्द्र में भाजपा सरकार को हटाना है। हम सीट शेयरिंग के मुद्दे पर समझौता करने तक को तैयार हैं। ”

उन्होंने (Akhilesh Yadav) कहा कि 2014, 2017 और 2019 में हुये चुनाव में सपा का कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ किया गया गठबंधन अनुभव का एक हिस्सा है और उन्हें इस बात की खुशी है कि चुनाव में सपा के जनाधार में कोई कमी नहीं आयी। भाजपा ने इस दौरान अलग तरह की राजनीति की है। गरीबों को अनाज के बदले नमक की सौंगध दिलायी गयी , मगर चुनाव खत्म होते ही उनको राशन में रिफाइंड तेल देना बंद कर दिया गया , वास्तव में इस प्रकार के प्रबंधन के जरिये भाजपा ने जीत हासिल की है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने बसपा के साथ गठबंधन के सवाल पर कहा, “मायावती और भाजपा की रणनीति एक दूसरे से मिलती – जुलती है। इसलिये अब वह कोई भ्रम की स्थिति नहीं चाहते। 2019 के चुनाव के बाद उनकी मायावती से कोई बातचीत नहीं हुयी है। ”

लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर श्री यादव ने कहा, “लड़ना तो चाहिये, मगर कहां से लड़ेंगे, इसका फैसला पार्टी करेगी। ”

उत्तर प्रदेश में आवारा जानवरों को लेकर श्री यादव ने चुटकी लेते हुये कहा, “उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक पुलिस में नयी भर्ती हुयी है , जिसकी वजह से हर दिन एक व्यक्ति की जान जा रही है। साड़ों को यह लोग नंदी मानते हैं , मगर हम कैसे कह दें, यह नंदी है , जो हर रोज एक व्यक्ति की जान ले लेगा।”

भाजपा से लोकतंत्र काे खतरा: अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को लेकर उन्होंने कहा कि योगी सरकार जिसको भी सूट-बूट पहने देखती है, उसी से एमओयू (सहमति पत्र) पर हस्ताक्षर करा लेती है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में दो इंवेस्टर्स समिट और डिफेंस एक्सपो के आयोजन का हिसाब – किताब करें तो करीब 33 लाख करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित हुये, यह एमओयू जमीन पर तो दिखते नहीं है। भाजपा एक ट्रिलियन इकोनामी का सपना दिखा रही है तो उसके लिये ग्रोथ रेट 34 फीसदी होनी चाहिये। नीति आयोग का पैरामीटर देखें तो उत्तर प्रदेश की हालत बयां होती है। वह यह सपना इसलिये दिखा रहे हैं कि गरीब जनता समझ ही न पाये कि एक ट्रिलियन होता क्या है। ये ट्रिलियन स्वच्छ भारत की तरह है, जिसमें उन्होंने हर किसी के हाथ में झाड़ू पकड़ा दिया तो क्या लखनऊ, वाराणसी साफ हो गये या नदियां स्वच्छ हो गयीं।

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