हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित माना जाता है। वहीं, बुधवार का दिन भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ भगवान गणेश (Ganesh) को भी समर्पित है। इस दिन भगवान कृष्ण और भगवान गणेश की विधि-विधाने से पूजा की जाती है और उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
बुधवार के दिन भगवान गणेश (Ganesh) की पूजा करते समय श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही भगवान गणेश की कृपा हमेशा साधक पर बनी रहती है। श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र इस प्रकार है।
‘श्री गणेश पंच रत्न स्तोत्र’ (Ganesh Panch Ratna Stotra)
”मुदाकरात्तमोदकं सदा विमुक्तिसाधकं
कलाधरावतंसकं विलासिलोकरक्षकम् ।
अनायकैकनायकं विनाशितेभदैत्यकं
नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ॥॥
नतेतरातिभीकरं नवोदितार्कभास्वरं
नमत्सुरारिनिर्जरं नताधिकापदुद्धरम् ।
सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं
महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥॥
समस्तलोकशंकरं निरस्तदैत्यकुञ्जरं
दरेतरोदरं वरं वरेभवक्त्रमक्षरम् ।
कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्करं
मनस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥॥
अकिंचनार्तिमार्जनं चिरन्तनोक्तिभाजनं
पुरारिपूर्वनन्दनं सुरारिगर्वचर्वणम् ।
प्रपञ्चनाशभीषणं धनंजयादिभूषणम्
कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ॥॥
नितान्तकान्तदन्तकान्तिमन्तकान्तकात्मजं
अचिन्त्यरूपमन्तहीनमन्तरायकृन्तनम् ।
हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां
तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि सन्ततम् ॥॥
महागणेशपञ्चरत्नमादरेण योऽन्वहं
प्रजल्पति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वरम् ।
अरोगतामदोषतां सुसाहितीं सुपुत्रतां
समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात्” ॥॥
‘श्री गणेश स्तुति’ (Ganesh Stuti)
”ॐ श्री गणेशाय नम:।
ॐ गं गणपतये नम:।
ॐ वक्रतुण्डाय नम:।
ॐ हीं श्रीं क्लीं गौं ग: श्रीन्महागणधिपतये नम:।
ॐ विघ्नेश्वराय नम:।
गजाननं भूतगणादि सेवितं, कपित्थ जम्बूफलसार भक्षितम्।
उमासुतं शोक विनाशकारणं, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्”।