सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि (Paush Purnima) का विशेष पौराणिक महत्व है और इस तिथि को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष आराधना की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस बार पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) 25 जनवरी को है। यदि आप आर्थिक तंगी के कारण परेशान है तो देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ जरूर करना चाहिए। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, इस स्त्रोत का पाठ करने से जातक के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ दिन में तीन बार करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते ।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि ।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि ।
सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि ।
मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि ।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।
स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे ।
महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी ।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते ।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते ।।
महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर: ।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा ।।
एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम् ।
द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित: ।।
त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम् ।
महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा ।।