नई दिल्ली। यूपी में आयुर्वेद डॉक्टर बनने का सपना देख रहे छात्र-छात्राओं को झटका लगा है। केंद्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सा परिषद ने 12 निजी कॉलेजों (Ayurvedic colleges) की मान्यता (Recognition) इस सत्र के लिए निरस्त (Canceled) कर दी है। ऐसे में बीएएमएस की 880 सीटें फंस गई हैं।
प्रदेश में आठ राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज हैं। इनमें बीएएमएस की 550 सीटें हैं। वहीं 50 निजी आयुर्वेदिक कॉलेज हैं। आयुष कॉलेजों में शैक्षिक सत्र 2021-2022 की काउंसलिंग जारी है।
तीन मार्च से आयुष पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए दूसरे चरण की काउंसलिंग शुरू होगी। कॉलेजों में मानक पूरे न मिलने पर मान्यता निरस्त कर दी है।
बिहार के आयुर्वेदिक, होमियोपैथी व तिब्बी कॉलेजों में पीजी दाखिले के लिए 15 फरवरी से रजिस्ट्रेशन
आयुर्वेद विभाग के निदेशक डॉ. एसएन सिंह के मुताबिक मानक पूरे न होने पर मान्यता रद्द की है।