उत्तर प्रदेश में ग्रेजुएशन (UG) और पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) कर रहे करीब 30 लाख स्टूडेंट्स के लिए राहत की खबर है। इस बार भी राज्य सरकार UG में फर्स्ट और सेकेंड ईयर वालों के साथ PG फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को बगैर परीक्षा के प्रमोट करने की तैयारी में है। UG फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को परीक्षाएं देनी होंगी, जो जून-जुलाई में हो सकती हैं। इसमें बीए, बीएससी, बीकॉम जैसे कोर्स शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जिन स्टूडेंट्स की पढ़ाई सेमेस्टर प्रक्रिया के तहत होती है, उनके भी 1 से 5वें सेमेस्टर तक के एग्जाम नहीं कराने की तैयारी है। फाइनल सेमेस्टर के एग्जाम भी जून या जुलाई में हो सकते हैं। इनमें बीटेक, फार्मेसी, मैनेजमेंट जैसे कोर्स शामिल हैं। सरकार इसका मूड बना चुकी है। फिलहाल, 3 कुलपतियों की कमेटी बनाकर इस बारे में रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद सरकार इसका ऐलान कर सकती है।
परीक्षाओं को लेकर सरकार की तरफ से अभी अंतिम फैसला होना बाकी है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए 3 कुलपतियों की कमेटी बनाई है। इस कमेटी को 7 दिन के अंदर परीक्षाओं को लेकर अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।
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इस कमेटी में लखनऊ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. आलोक राय, कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और रुहेलखंड यूनिवर्सिटी बरेली के कुलपति प्रो. कृष्ण पाल सिंह शामिल हैं।
प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि जल्द ही कमेटी की पहली बैठक होगी। इसमें मौजूदा हालात और स्टूडेंट्स के करियर को ध्यान में रखते हुए उचित फैसला लिया जाएगा।
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हाल ही में यूपी में कोरोना के नए मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई, लेकिन ब्लैक फंगस और तीसरी लहर का डर सामने है। ऐसे में सरकार किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से राज्य में पिछले 25 दिन में एक्टिव केस में करीब 46 हजार की कमी आई है। पहले 20 अप्रैल तक प्रदेश में 2,23,544 एक्टिव केस थे। वहीं लॉकडाउन के बाद 15 मई तक यह संख्या 1,77,346 पहुंच गई।