जिस तरह हमने अपने ऐशो-आराम के लिए धरती और प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया है, उसकी भरपाई करना इतना तो आसान नहीं है, मगर हम अपने घरों में और आस-पास थोड़े पेड़-पौधे लगाकर एक छोटी-सी कोशिश तो कर ही सकते हैं।
बहुत लोगों को गार्डनिंग का शौक होता है। अगर आप भी हैं एक प्लांट पेरेंट यानि कि पेड़-पौधों और गार्डनिंग के शौकीन हैं तो ये टिप्स और हैक्स आपके बहुत काम आएंगे और यकीन मानिए आपका गार्डन भी हमेशा हरा-भरा और महका-महका रहेगा।
दालचीनी पाउडर
छोटे या नए उग रहे पौधों पर दालचीनी पाउडर छिड़कें इससे वो बीमारी और कीड़ों से बचे रहेंगे। दालचीनी में कई तरह की एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल प्रॉपर्टीज़ होती हैं जो छोटे और नए पौधों को बीमारियों से बचाते हैं। इसके अलावा इसे डालने से मिट्टी से अक्सर आने वाली अजीब तरह की महक भी दूर रहेगी।
अंडे के छिलके का चूरा
अगर आपके पौधों की मिट्टी में अक्सर घोंघे या दूसरे रेंगने वाले कीड़े हो जाते हैं तो अपने गमलों में अंडे के छिलके का चूरा डालें। छिलकों को अच्छा से धोकर इनका दरदरा चूरा बना लें और मिट्टी में मिलाएं, इससे रेंगने वाले कीड़े दूर रहते हैं।
विनेगर
अगर आपके गार्डन में या पौधों के गमलों में अक्सर जंगली पौधे या घास उग आती है जिनसे आपके पौधों की ग्रोथ में रुकावट आती है तो विनेगर का इस्तेमाल करें। एक लीटर पानी में आधा कप विनेगर मिलाएं और इन जंगली पौधों पर छिड़कें, कुछ ही दिनों में से सूख जाएंगे। ध्यान रखें कि विनेगर को मिट्टी में ना डालें, इससे दूसरे पौधों की जड़ों को नुकसान हो सकता है।
चाय पत्ती
सब्जी-फल के छिलकों, इस्तेमाल की हुई चाय पत्ती और अंडे के छिलकों को फेंके नहीं बल्कि इन्हें अच्छे से धोकर एक बड़े ड्रम, बाल्टी या गड्ढे में मिट्टी के साथ मिलाकर रख दें। कुछ समय में इससे बहुत ही बेहतरीन केमिकल-फ्री खाद तैयार हो जाएगी, जो पौधों के लिए बहुत लाभदायक होगी।
शहद
अगर आप किसी पौधे की शाखा काटकर दूसरा पौधा लगाने जा रहे हैं (बहुत से पौधे जड़ की जगह शाखाओं की मदद से भी उगाए जा सकते हैं) तो इस डंडी को मिट्टी में लगाने से पहले थोड़े से शहद में डुबो लें। ऐसा करने से जड़ों को डेवलप होने में मदद मिलती है।