गाजियाबाद के मुरादनगर पुलिस ने गुरुवार को पिछले दिनों युवक रेशू त्यागी की अपहरण के बाद हत्या का मामला सुलझा लिया है। रेशू की हत्या उसके सगे चाचा ने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर सम्पत्ति के लालच में की थी, जिनमें से पुलिस ने चाचा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस की मानें तो चाचा लीलू त्यागी सम्पत्ति के लालच में पहले अपने सगे भाई, उसकी दो पुत्रियों व एक पुत्र की भी हत्या कर चुका है। लेकिन उसने ये हत्याएं इतने शातिराना अंदाज में की कि उनका आज तक पता नहीं चल सका। 20 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा है।
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ने बताया कि आठ अगस्त को मुरादनगर थाने के बसंतपुर सैंथली गांव निवासी बृजेश त्यागी का पुत्र रेशू त्यागी गुम हो गया था। काफी तलाशने के बाद जब रेशू का कोई सुराग नहीं लगा तो बृजेश त्यागी ने 15 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज कराई थी और अपने सगे भाई लीलू त्यागी पर रेशू की अपहरण के बाद हत्या का आरोप लगाया। तभी से पुलिस मामले की जांच में जुटी थी।
पुलिस ने लीलू को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उसने बताया कि करीब 20 साल पहले उसने अपने सगे भाई सुधीर त्यागी की सम्पत्ति के लालच में हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने कुछ दिन बाद सुधीर की बेटी पायल (08) की भी जहर देकर हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं इसके कुछ दिन बाद उसने सुधीर त्यागी की दूसरी बेटी पारुल (16) की हत्या कर शव को हिंडन नदी में बहा दिया था। हत्या करने का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। उसने कुछ दिन बाद सुधीर के बेटे निशु की भी हत्या कर दी और शव को हिंडन नदी में बहा दिया था और आज तक में पुलिस गिरफ्त में नहीं आया था।
इसी के चलते उसने अपने दूसरे भाई बृजेश त्यागी के बेटे रेशू त्यागी का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी और शव को बुलंदशहर में नदी में बहा दिया, ताकि वह पकड़ा ना जा सके। उन्होंने बताया कि लीलू ने सुरेंद्र, राहुल तथा दो अन्य आरोपियों के साथ रेशू के हत्या की साजिश रची थी, मगर इस बार वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। तीनों आरोपियों लीलू सुरेंद्र पर राहुल को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।